Category Archives: धर्म व संस्कृति

सांची विश्वविद्यालय में चित्रकला प्रतियोगिता

साँची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय 29 सितंबर को सलामतपुर-सांची स्थित परिसर में राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित हो रही है। इस चित्रकारी प्रतियोगिता में 500 से अधिक प्रतिभागियों के सम्मिलित होने की उम्मीद है और इसमें ऑनलाइन भी सम्मिलित हुआ जा सकता है। जिसके लिए प्रतिभागी को दिए जा रहे क्यूआर कोड अथवा विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध क्यूआर कोड के माध्यम से अपनी कलाकृति जमा करनी होगी।

श्री उमा माता की सवारी निकाली गई राजसी ठाठ-बाट से

श्री महाकालेश्वर मंदिर में 17 सितम्बर से 21 सितम्बर तक आयोजित उमा सांझी महोत्सव के उपरांत परम्परानुसार अश्विन शुक्ल द्वितीया चन्द्र दर्शन के दिन आज सायं 4 बजे भगवान श्री महाकालेश्वर की भाँति वर्ष में एक बार निकलने वाली श्री उमा माता की सवारी राजसी ठाठ-बाट से निकाली गई।

उज़्बेकिस्तान में कोकन अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प महोत्सव में बाग प्रिंट कला का लहराया

भारत की अनमोल धरोहर और मध्य प्रदेश के धार जिले की शान बाग प्रिंट ने एक बार फिर
वैश्विक मंच पर अपनी चमक बिखेरी है। उज़्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर कोकन में 19 से
21 सितंबर तक आयोजित अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प महोत्सव 2025 में बाग प्रिंट के युवा
शिल्पकार मोहम्मद खत्री ने अपनी अद्भुत कारीगरी से सबका मन मोह लिया। इस महोत्सव
में 70 देशों के 278 मास्टर कारीगरों ने भाग लिया, वहीं भारत से केवल 2 शिल्पकार आमंत्रित
हुए।

UNO के आह्वान पर JAYS ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस, जल, जंगल और जमीन के प्रति जागरूक हुए आदिवासी

संयुक्त राष्ट्र संघ के आव्हान पर जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) ने “विश्व आदिवासी दिवस” मनाया। यह आयोजन नौ अगस्त को हुआ जिसमें हजारों लोग कुक्षी पहुंचे और बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर रैली निकाली गई। पढ़िये रिपोर्ट।

Nag Panchami पर Ujjain के महाकालेश्वर मंदिर में Nagchandreshwar temple के साढ़े आठ लाख से ज्यादा devotees ने किए दर्शन

मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध ज्योर्तिलिंग महाकालेश्वर के परिसर में स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर जी के दर्शन के लिए नागपंचमी पर श्रद्धालुजनों की भीड़ उमड़ी और मध्य रात तक 24 घंटे के दौरान साढ़े आठ लाख से ज्यादा भक्तों ने नाग देवता के दर्शन किए। श्रद्धालुओं ने रजत धातु के नाग देवताओं को भेंट किया। पढ़िये रिपोर्ट।

महाकालेश्वर गर्भगृह के ऊपर भगवान नागचंद्रेश्वर के द्वार नागपंचमी पर खुले, मध्य रात को पट खोलकर पूजा

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह के ऊपर औंकारेश्वर मंदिर और उनके भी ऊपर भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर है जिसके द्वार साल में एक ही बार खुलते हैं। वह दिन नागपंचमी है और सोमवार-मंगलवार की मध्य रात को मंदिर के पट खुले तो उनका मंदिर के महंत व कई प्रमुख लोगों ने पूजा अर्चना की। पढ़िये रिपोर्ट।

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री का जन्मोत्सव आयोजन में हादसा, टेंट गिरा, अयोध्या से आए अनुयायी की मौत

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है जहां बड़ा हादसा हो गया। आयोजनस्थल पर टेंट गिर गया जिससे अयोध्या से आए शास्त्री के एक अनुयायी की मौत हो गई तो आठ अन्य घायल हो गए।

बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अब तक अपनी कथाओं और जनकल्याण की सेवाओं के लिए चर्चा में रहते थे लेकिन अब वे अपनी विदेश यात्रा के दौरान सामने आ रही तस्वीरों के लिए लिए भी चर्चा में हैं। उनकी तीन देशों की यात्रा के दौरान जहां एक तरफ आस्ट्रेलिया, फिजी और न्यूजीलैण्ड में उन्हे आम जनता का भरपूर प्रेम मिला तो वहीं इन देशों के जन प्रतिनिधियों ने भी उनका खूब स्वागत किया।

धर्म पूछकर हत्या की घटना जैसा इटावा में कथावाचकों का मुंडन, हिंदुओं के बंटवारे की आहट

आतंकियों की घटनाओं को तो सरकार कूटनीति-हथियार से नियंत्रित कर सकती है मगर जब देश के भीतर हिंदुओं के बंटवारे की आहट देने वाली इटावा जैसी घटनाएं सामने आती हैं तो उन्हें काबू में लाने के लिए सरकार को ऐसी मानसिकता वाले लोगों की पहचान कर उन्हें समाज से बहिष्कृत कराना होगा। हालांकि इटावा की घटना के बाद अब दूसरे पक्ष के लोग कथावाचकों की चरित्र हत्या करने के लिए अपने ही घर परिवार की महिलाओं का सहारा लेने से नहीं चूक रहे हैं और इसे रोकने के लिए राजनीति से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत है। इटावा जैसी घटनाओं पर नियंत्रण की देश में बहुत ज्यादा जरूर है। पढ़िये इटावा की घटना का सच बताने वाले आरोप-प्रत्यारोप वाले बयान और मामले में य़ूपी के दूसरे नंबर के सबसे बढ़े दल के मुखिया की प्रतिक्रियाओं पर आधारित रिपोर्ट।

कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा राधारानी के बाद चित्रगुप्त टिप्पणी पर फंसे, चेतावनी पर माफी मांगी

महाशिवपुराण कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा राधारानी के बाद एकबार फिर भगवान चित्रगुप्त को लेकर की गई टिप्पणी पर फंस गए हैं। कायस्थ समाज ने पं. मिश्रा को माफी मांगने की चेतावनी देने के बाद फिर पंडित प्रदीप मिश्रा को अपने बयान पर खेद व्यक्त करना पड़ा है और इलेक्ट्रानिक मीडिया के कैमरों के सामने माफी मांगी है। मगर यह विवाद अभी शांत नहीं हुआ और कायस्थ समाज ने कठोर कार्रवाई के लिए प्रदर्शन की राह अपना ली है। पढ़िये रिपोर्ट।

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