Category Archives: आपकी आवाज, हमारी कलम

Bhopal South West-Huzoor seats: BJP सबनानी को सुरक्षित सीट पर शिफ्ट करेगी…?

प्रदेश भाजपा में महामंत्री भगवानदास सबनानी को पार्टी ने भोपाल दक्षिण पश्चिम से टिकट दिया है लेकिन बताया जा रहा है कि अब उनके लिए पार्टी दूसरी सुरक्षित सीट तलाशी जा रही है। सबनानी के लिए दूसरी सुरक्षित सीट हुजूर है जहां से अभी पार्टी ने विधायक रामेश्वर शर्मा को टिकट दिया है और दोनों प्रत्याशियों के बीच सीट का बदलाव किए जाने की जमकर चर्चा है। पढ़िये रिपोर्ट।

विधानसभा चुनाव बागियों का मैदान बना, फूट-फूटकर रो रहे बागी

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव इस समय बागियों का मैदान बन चुका है। भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही पार्टियां इस समय बगावत करने वाले नेताओं से जूझ रही हैं। भाजपा के बागी नेता तो नेतृत्व के फैसलों पर फूट-फूटकर तक रो दिए हैं तो कांग्रेस में बाहरियों के लिए टिकट बदले जाने से बगावत के तेवर दिखाई दे रहे हैं। हमारे लिए वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र कैलासिया की रिपोर्ट।

विधानसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया उतरेंगे या नहीं, विदिशा सीट होल्ड होने से संशय बरकरार

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों को मैदान में उतारे जाने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर संशय बरकरार है। गुना और विदिशा विधानसभा सीटों को पार्टी द्वारा होल्ड पर रखे जाने से यह संशय और बढ़ गया है। गुना आरक्षित है तो विदिशा को होल्ड पर रखे जाने से कई संभावनाएं बरकरार हैं। पढ़िये रिपोर्ट।

MP के 186 MLA करोड़पति, भाजपा के 83 तो कांग्रेस के 78 फीसदी करोड़पति

मध्य प्रदेश की वर्तमान विधानसभा में 230 में से 186 विधायक यानी 81 प्रतिशत करोड़पति हैं। विधायकों की संपत्ति का मूल्यांकन किया जाए तो औसतन हर विधायक के पास करीब 10.76 करोड़ की संपत्ति है। सबसे अमीर विधायकों में संजय पाठक, चैतन्य कश्यप और संजय शुक्ला हैं तो सबसे गरीब विधायकों में राम दांगोरे, उषा ठाकुर और शरद कौल हैं। पढ़िये रिपोर्ट।

टिकट वितरण में प्रदेश कांग्रेस की ‘त्रिमूर्ति’ में चर्चा के नाम पर बहस, कई टिकट में जमीनी फीडबैक नहीं दिखा

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के 229 प्रत्याशियों का चयन हो तो गया मगर इसके पीछे दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस की त्रिमूर्ति यानी कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और गोविंद सिंह के बीच चर्चा के नाम पर कई बार बहस हुई। इसके बाद भी चेहरे, अपने-तुम्हरे नामों को फाइनल कर दिया गया और कई टिकट तो जमीनी फीडबैक के बिना दे दिए जाने से विपरीत हालात बने और उन्हें बदले जाने से पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं में गलत संदेश पहुंचा। इसका नतीजा यह हुआ कि पहली सूची के मुकाबले दूसरी सूची से असंतोष के स्वर ज्यादा तेजी से सामने आए। पढ़िये रिपोर्ट।

कांग्रेस ने घोषित किए 88 प्रत्याशी, BJP से आए नेताओं को मौका, दिग्विजय समर्थकों को टिकट, BSP की छठवीं सूची

मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने आधी रात को दूसरी सूची में 88 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं जिनमें भाजपा से आए नेताओं को मौका देकर वादा निभाया है। अभय मिश्रा जिस तामझाम के साथ भाजपा में गए थे, उसके विपरीत कांग्रेस ने चुपके से उन्हें आधी रात को सेमरिया सीट से विधायक बना दिया है। दतिया और पिछोर सीटों के प्रत्याशियों में बदलाव कर 229 सीटों के प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। एसडीएम पद से इस्तीफा देने के बाद भी उसके स्वीकार नहीं होने से सरकार से लड़ाई लड़ रही निशा बांगरे की विधानसभा सीट आमला को भी कांग्रेस ने होल्ड पर रखा है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने समर्थकों को टिकट देकर पार्टी में अपनी ताकत का अहसास करा दिया है तो बहुजन समाज पार्टी ने अपनी छठवीं सूची में 28 प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। देखिये रिपोर्ट।

कपड़ों की तरह दलबदलः विंध्य के मिश्रा-त्रिपाठी भाजपा से किए गए किनारे, अब तलाश रहे नया ठिकाना

मध्य प्रदेश में नेताओं की किसी एक पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता नहीं रही और कुछ नेता तो कपड़ों की तरह अपनी पार्टियां बदलने के आदी होते जा रहे हैं। विंध्य क्षेत्र के नारायण त्रिपाठी के बाद अब इस श्रृंखला में अभय मिश्रा का नाम जुड़ गया है। भाजपा और कांग्रेस में उन्होंने पांच साल में तीन बार सदस्यता को बदला और अब चौथी बार वे फिर नए ठिकाने को तलाशने के लिए कांग्रेस नेताओं के संपर्क में हैं। पढ़िये रिपोर्ट।

MP विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी चयन सर्वे किनारे, पट्ठावाद-रिश्तेदारों को टिकट मिले, 144 की सूची जारी

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने नवरात्र के पहले दिन नौ बजकर नौ मिनिट पर 144 (1+4+4=144) प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की। सूची देखकर कोई भी कह सकता है कि पार्टी ने जिस तरह प्रत्याशी चयन के लिए कई महीनों पहले से जो कराए थे, वे किनारे रखकर अपने वालों मतलब पट्टों व अपने रिश्तेदारों को छांट-छांटकर टिकट बांट दिए। इससे नेता शोक में डूब गए और कुछ नेताओं ने इस्तीफा दे दिया। पढ़िये रिपोर्ट।

कांग्रेस में OBC का नेता बनने की होड़, मगर नेता अपने समाज तक सीमित

विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा महिला और आदिवासियों पर ध्यान को फोकस किए है तो कांग्रेस ओबीसी पर ध्यान लगाए है। मगर कांग्रेस में ओबीसी का नेता बनने वालों में जो होड़ मची है, वह पूरे ओबीसी को साथ लेकर चलने की नहीं बल्कि अपने समाज तक सीमित दिखाई दे रही है। पढ़िये रिपोर्ट।

भाजपा के दिग्गजों को चुनावी मैदान में उतारे जाने के पीछे की शतरंजी चाल, पर्दे के पीछे केंद्रीय नेतृत्व या शिवराज!

भारतीय जनता पार्टी में पिछले एक दशक में जिस तरह परिवर्तन आया है, उसमें देश के किसी भी कोने में बैठे नेता की सांस पर पकड़ दिल्ली की ही रहती है। इससे मध्य प्रदेश भी अछूता नहीं है जबकि यहां से जनसंघ से लेकर भाजपा के पौधे को लगाने वाले एक से बड़े एक नेता रहे हैं। आज यहां के किसी भी नेता को उसके भविष्य का पता नहीं है कि कल वह किस भूमिका में होगा। फिर चाहे वह केंद्र सरकार में सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर हों या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान या फिर संगठन के बड़े नेता माने जाने वाले कैलाश विजयवर्गीय, किसी को भी यह पता नहीं कि कल उन्हें क्या जिम्मेदारी मिलेगी।

Khabar News | MP Breaking News | MP Khel Samachar | Latest News in Hindi Bhopal | Bhopal News In Hindi | Bhopal News Headlines | Bhopal Breaking News | Bhopal Khel Samachar | MP News Today