समाजवादी पार्टी ने केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर कहा है कि 2005 में मनमोहन सिंह सरकार के समय उत्तरप्रदेश सरकार की मुलायमसिंह यादव ने पहला प्रस्ताव लाया था। उस मूल प्रस्ताव के साथ 2021 में छेड़छाड़ की गई है जिससे नकेवल जंगल में बड़ी संख्या में पेड़ों को काटा जाएगा बल्कि वन्यजीव प्राणियों के लिए भी इससे खतरा पैदा होगा। पढ़िये क्या है समाजवादी ने क्या लगाए आरोप।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता यश भारतीय ने यह आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी तब मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे बाबूलाल गौर ने तत्कालीन यूपीए की केंद्र सरकार के सामने योजना पर सहमति दी थी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मौजूदगी में 25 अगस्त 2005 में एमओयू हुआ था जिसमें 22 मार्च 2021 को परियोजना के साथ छेड़छाड़ किया गया है।
सपा नेता ने आरोप लगाया कि नई परियोजना से करीब 25 लाख पेड़ों को नुकसान होगा तो टाइगर रिजर्व के दस फीसदी से ज्यादा हिस्सा पानी में डूब सकता है। टाइगर के रहवास का सौ वर्ग किलोमीटर से ज्यादा क्षेत्र खतरे में पड़ सकता है। ऐसे में पहले पन्ना नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व पर पड़ने वाले दीर्घकालीन प्रभावों का विस्तृत अध्ययन होना चाहिए। टाइगर रिजर्व में बाघों के अलावा सांभर, चीतल, ब्लू बुल, चिंकारा और चौसिंघा जैसी प्रजातियां भी रहती हैं जो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित हैं। जीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (सीआईटीईएस) में भी सूचीबद्ध हैं। सीआईटीईएस का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वन्य जीवों एवं वनस्पतियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के चलते उनका अस्तित्त्व खतरे में न आ जाए।
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