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IPS चौधरी का भ्रष्टाचारः कांग्रेस MLA के मुद्दे पर स्पीकर ने पानी फेरा, कमेटी बनाई नहीं तो मामला ठंडा पड़ा

मध्य प्रदेश के रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी व पूर्व खेल संचालक संजय चौधरी की मुश्किलें सेवानिवृत्ति के बाद बढ़ रही हैं और उनकी रिटायर्ड लाइफ बिगड़ सकती है। खेल संचालक रहते हुए उनके द्वारा की गई खरीदी, कार्यक्रमों और नियुक्तियों को लेकर कुछ साल पहले लोकायुक्त में जो शिकायत हुई थी, उसमें अब एफआईआर हो गई है लेकिन कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के विधानसभा में उठाए गए इस मुद्दे पर उनकी ही पार्टी की सरकार के समय तत्कालीन स्पीकर ने कुछ ऐसा किया कि मामला ही ठंडा पड़ गया। जानिये विधानसभा में क्या हुई थी कार्रवाई।
मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी संजय चौधरी के रिटायरमेंट के एक साल बाद उनकी मुश्किलें बढ़ रही हैं क्योंकि लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना ने उनके खिलाफ कुछ साल पहले मंदसौर के कांग्रेस नेता राघवेंद्र सिंह तोमर ने जो शिकायत की थी, उसमें एफआईआर दर्ज कर ली है। मगर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया था तो तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष नर्मदाप्रसाद प्रजापति ने कमेटी गठित करने के बजाय खुद इसकी मॉ़नीटरिंग करना शुरू कर दिया था। विभाग से जानकारियां मंगाई लेकिन उसी दौरान सरकार बदल गई और सभी कमेटियां भंग हो गईं। इस मामले में कोई कमेटी नहीं बनी थी तो यह मामला टांय टांय फिस्स हो गया। इस समय विधानसभा में खेल विभाग के इस भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कोई भी कार्रवाई लंबित नहीं रही है।
लोकायुक्त पुलिस में यह है मामला
- दो कंपनियों से खेल सामग्री की 20-30 गुना कीमत पर खरीदी।
- खेल मैदानों में लगाई गई फ्लड लाइट खऱीदी गड़बड़ी।
- कंप्यूटर खरीदी में अनियमितता।
- पलंग खरीदी में गड़बड़ी।
- अलमारी की छह गुना ज्यादा कीमत पर खरीदी।
- फर्जी बिलों से भुगतान।
- ज्यादा कीमत में घोड़ों की खरीदी।
- इंदौर, पुणे, भोपाल में संपत्ति की खरीदी। 50 करोड़ की संपत्ति अर्जित।
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