MP कांग्रेस की नवगठित कमेटी में लोकसभा-विधानसभा हारे नेताओं की फौज में नकुल नहीं, दिग्विजय के पुत्र सहित तीन रिश्तेदार

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष जीतू पटवारी की नवगठित कमेटी में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का प्रतिबिंब नजर आता है। उनके पुत्र सहित तीन रिश्तेदार कमेटी में हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पूर्व सांसद पुत्र को कमेटी में शामिल ही नहीं किया गया है। कांग्रेस छोड़कर गए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी समर्थकों को कमेटी में खूब जगह दी गई है तो नई कमेटी में 22 विधायक भी हैं जो अपने क्षेत्र को देखेंगे तो कमेटी में उनके होने से पार्टी संगठन के काम पर असर पड़ेगा। बड़े नेताओं के विरोधियों को पटवारी ने अपनी कार्यकारिणी में लेने में किसी प्रकार का संकोच नहीं दिखाया है। पढ़िये नवगठित कमेटी पर विशेष रिपोर्ट।

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की जीतू पटवारी के अध्यक्ष बनने पर दस महीने से कार्यकारिणी की प्रतीक्षा की जा रही थी जिसकी शनिवार को घोषणा कर दी गई। कमेटी में प्रदेश के बड़े नेताओं के समर्थकों को स्थान दिए जाने में संतुलन नहीं बनाया गया जबकि कार्यकारिणी को इसके नाम पर रोककर रखे जाने के कारण बताए जाते रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समर्थक माने जाने वाले जीतू पटवारी को राहुल गांधी ने अपनी पसंद से प्रदेश अध्यक्ष बनाया है लेकिन पटवारी की कार्यकारिणी देखकर यह आभास होता है कि वे दिग्विजय सिंह की छाया से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। उनकी कार्यकारिणी में दिग्विजय सिंह एक्जीक्यूटिव कमेटी में हैं तो उनके बेटे जयवर्धन सिंह, रिश्तेदार प्रियव्रत सिंह व घनश्याम सिंह को उपाध्यक्ष-महामंत्री बनाकर स्थान दिया गया है। मगर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को पटवारी ने शामिल नहीं करने पर यह कहा जा रहा है कि जीतू के साथ संबंधों की खटास का इस घटनाक्रम से अहसास हो गया है।
विधायक संगठन में रहेंगे या क्षेत्र में
जीतू पटवारी की नवगठित कमेटी में 22 विधायक हैं जिन्हें उपाध्यक्ष-महामंत्री बनाया गया है। कहा जा रहा है कि संगठन को मजबूत करने की कवायद में विधायकों का अपने क्षेत्र में काम करने की व्यस्तता के बीच पार्टी के संगठन को उनकी उपलब्धता के लिए पर्याप्त समय मिल पाना मुश्किल होगा। कुछ इसी तरह के तर्क संगठन को मजबूत करने के लिए लोकसभा और विधानसभा चुनाव हारे कई नेताओं को उपाध्यक्ष-महामंत्री बनाए जाने के लिए दिए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि हारे हुए नेता चुनावी राजनीति के लिए हिसाब से अपने क्षेत्र में जमावट करने में ज्यादा व्यस्त होंगे।
अरुण यादव-अजय सिंह समर्थकों से तौबा
पीसीसी की नई कार्यकारिणी में पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव और पूर्व नेता प्रतिपक्ष विधायक अजय सिंह राहुल के समर्थकों से लगता है कि जीतू पटवारी ने तौबा कर ली है। अरुण यादव के अनुज विधायक सचिन को उनके एमएलए होने की वजह से लिया गया है और अन्य किसी भी अरुण यादव समर्थक का नाम कार्यकारिणी में नहीं है। इसी रह अजय सिंह राहुल समर्थकों के साथ नई कार्यकारिणी की दूरी बनाई गई और जो उनके समर्थक पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बना कार्यकारिणी में आए हैं, उनके जीतू पटवारी से व्यक्तिगत रिश्ते भी हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह के समर्थकों में से किसी को भी पटवारी ने अपनी कार्यकारिणी में नहीं लिया है। पूर्व पीसीसी अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया के किसी भी निकट के नेता को इसमें जगह नहीं दी है और उनके विधायक पुत्र को जो जगह मिली है, वह उन्हें एमएलए होने की वजह से दी गई है।
पचौरी समर्थकों पर जीतू पटवारी का विश्वास
कहा जा रहा है कि जीतू पटवारी का कांग्रेस की सरकारों में केंद्रीय मंत्री रहे भाजपा नेता सुरेश पचौरी समर्थकों पर जीतू पटवारी ने ज्यादा भरोसा जताया है। राजीव सिंह, आरिफ मसूद, महेंद्र जोशी, अमित शर्मा, अवनीश भार्गव, संजय शर्मा के नाम जीतू पटवारी की नई कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष व महामंत्री के रूप में शामिल किए गए हैं। ये सभी नाम पचौरी के निकटतम साथियों में रहे हैं।

जीतू पटवारी ने अपनी कार्यकारिणी में ऐसे नेताओं को जरूर शामिल किया है जो बड़े नेताओं के विरोधी रहे हैं। इनमें से बड़ा नाम पूर्व विधायक व संगठन प्रभारी मंत्री रहे रवि जोशी का नाम प्रमुख है जो पूर्व पीसीसी अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव का विरोध करने का कोई मौका नहीं चूकते हैं। यादव के विरोध में रहने वाले दूसरे नेता पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा को भी जीतू ने महामंत्री बना दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ गतिविधियों में शामिल रहने की वजह से निष्कासित किए गए राजा बघेल को पटवारी ने अपनी कार्यकारिणी में ले लिया है। कमलनाथ के कार्यकाल में पीसीसी दूरी बनाकर रखने वाले गोर्की बैरागी व मृणाल पंत को भी पटवारी ने अपनी कार्यकारिणी में रखकर नाथ की नापसंदी का जवाब दिया है। इसी तरह पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल का विरोध करते रहे विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को भी पीसीसी की नई कार्यकारिणी का हिस्सा बनाया गया है।

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