मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा ने पूरा जोर लगाया व जिस तरह दलबदल हुआ वहां कांग्रेस से गए नेताओं का अभी से मन भरने लगा है। इसका ताजा उदाहरण महापौर विक्रम अहाके हैं जिन्होंने मतदान के कुछ घंटे पहले कांग्रेस में वापसी दर्ज की है। वे कहते हैं कि कमलनाथ के उन जैसे लोगों पर काफी अहसान हैं और 18 दिन तक वे अपराधबोध से ग्रस्त रहे। पढ़िये रिपोर्ट।
लोकसभा चुनाव 2019 में मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा एकमात्र सीट थी जहां कांग्रेस को जीत मिली थी जिसे 2024 में भाजपा जीतने के लिए काफी समय से रणनीति पर काम कर रही थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर प्रदेश के कई मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल और कई विधायक इसका हिस्सा रहे। इसके लिए छिंदवाड़ा में कांग्रेस नेताओं को दलबदल कराकर भाजपा में शामिल कराया गया जिसमें महापौर विक्रम अहाके के भाजपा में आना बहुत बड़ा टर्निंग प्वाइंट रहा। 18 दिन पहले अहाके ने जब कांग्रेस छोड़ी थी तो भाजपा नेताओं में जश्न था। मगर लोकसभा चुनाव के मतदान के कुछ घंटे पहले अहाके ने एक वीडियो बयान जारी कर भाजपा में जाना अपनी गलती बताई और नकुलनाथ के पक्ष में मतदान की अपील की तो भाजपा को ठेस पहुंची।
गांव से लाकर महापौर बनाने वाले को छोड़ना मन को भारी लगता रहा
छिंदवाड़ा महापौर विक्रम अहाके ने कांग्रेस वापसी के कुछ घंटे बाद खबरसबकी से चर्चा करते हुए कहा कि जिस व्यक्ति उन्हें गांव से लाकर महापौर बनाया, उन्हें छोड़ने के फैसले को मन ने कभी स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि कमलनाथ के उन पर और उनके परिवार पर काफी अहसान हैं। वे भाजपा में जाने के बाद से ही अपराध बोध से ग्रस्त थे और मन दुखी था। मगर 14 पार्षदों के भाजपा में चले जाने से नगर निगम परिषद पर आए संकट व छिंदवाड़ा के विकास का ध्यान में आया था तो भाजपा में चले गए थे। मगर 18 दिन पहले जब वह फैसला किया था तो उसके बाद से उनका मन भारी भारी रहने लगा। वे अपने फैसले को दिल से नहीं स्वीकार कर पा रहे थे। आखिरकार उन्होंने मन की सुनी और कांग्रेस में वापसी का फैसला किया है।
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