अतिथि विद्वान महासंघ ने भाजपा को अतिथि महापंचायत में अतिथि शब्द को हटाने था उनकी मांगों के निराकरण की दिशा में सरकार बनने पर फैसला लेने का वादा याद दिलाया है। महासंघ ने सरकार द्वारा हाल ही में अतिथि विद्वानों की नियुक्ति के लिए उच्च शिक्षा विभाग के तीसरी समय सारिणी कैलेंडर जारी किए जाने के बाद यह याद कराया है। पढ़िये रिपोर्ट।
अतिथि विद्वान महासंघ के डॉ. आशीष पांडेय ने कहा है कि सरकार ने सरकारी महाविद्यालयों में रिक्त पदों के विरुद्ध अतिथि विद्वानों की नियुक्ति के लिए उच्च शिक्षा विभाग सतपुड़ा भवन ने तृतीय समय सारणी का कैलेंडर बकायदा जारी कर दिया है जिसके अनुसार सत्यापित आवेदकों के आवेदन 19 से 24 जनवरी तक, कार्यरत अतिथि विद्वानों/सत्यापित आवेदकों का विकल्प भरने का 19 से 24 जनवरी,आवंटन 25 जनवरी एवं ज्वाइनिंग की जानकारी समस्त प्राचार्य 25 से 31 जनवरी तक पोर्टल में दर्ज़ कराएंगे। बड़ी बात ये है कि इसमें स्थांतरण चाहने वाले अतिथि विद्वानों के साथ ही नए आवेदक भी शामिल किए जा रहे हैं।साथ ही उच्च शिक्षा विभाग ने इस बार अतिथि विद्वानों की कैटेगिरी को भी समाप्त कर दिया है।जैसा की विदित हो की अतिथि विद्वान लगातार अतिथि विद्वान नाम से अतिथि नाम हटाने एवं भाजपा सरकार द्वारा महापंचायत में की गई घोषणा को पूरी करवाने के लिए प्रयासरत हैं
नए आवेदकों से च्वाइस फिलिंग पर सवाल
महासंघ ने कार्यरत अतिथि विद्वानों के स्थानांतरण के साथ ही नए आवेदकों की च्वाइस फिलिंग करवाना एवं लिस्ट एकसाथ जारी करने के आदेश को समझ से परे बताया है। उसके मुताबिक इससे स्थानांतरण का लाभ अतिथि विद्वानों को नहीं मिल पाएगा। उच्च शिक्षा विभाग कार्यरत अतिथि विद्वानों का अलग से करवाता लिस्ट जारी करता और बचे शीटों में विज्ञापन करता तो ज्यादा सही रहता।साथ ही विभाग को सरकार को 50 हज़ार फिक्स वेतन,65 वर्ष तक स्थाई करने की जो घोषणा हुई थी उसको अमल में लेते हुए संशोधित आदेश करना चाहिए।जिससे अतिथि विद्वानों की समस्या का समाधान किया जा सके।
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