मध्य प्रदेश में करीब आधा दर्जन से ज्यादा आईपीएस डेढ़ महीने पहले प्रमोशन पा चुके हैं लेकिन आज भी या तो जिलों में एसपी की भूमिका में हैं या फिर कमांडेंट का काम संभाल रहे हैं। ऐसा नहीं है कि राज्य शासन आईएएस या आईपीएस अधिकारियों की पदस्थापना नहीं कर रही है मगर इन अधिकारियों के प्रमोशन के बाद संभवतः शासन भूल गई है। पढ़िये रिपोर्ट।
अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों के प्रमोशन समय पर हो जाते हैं और पदस्थापनाएं भी तुरंत हो जाती हैं लेकिन इस साल की शुरुआत में भारतीय पुलिस सेवा के करीब आधा दर्जन से ज्यादा अधिकारियों के प्रमोशन करने के बाद शासन नई पदस्थापना देना ही भूल गई है। इससे आज भी ऐसे आईपीएस अधिकारी प्रमोशन के बाद भी पुरानी पदस्थापना वाले पदों पर काम कर रहे हैं। ऐसे अधिकारियों में तीन जिलों के एसपी भी हैं जिन्हें डीआईजी रेंज जैसी जिम्मेदारी संभाली थी तो वे आज भी डेढ़ महीने से वही एसपी की भूमिका में हैं।
ये हैं प्रमोशन के बाद पुराने पदों पर काम करने वाले अधिकारी
आईये आपको ऐसे अधिकारियों से मिलवाते हैं जिन्हें डेढ़ महीने बाद भी प्रमोशन वाले पदों की जिम्मेदारी नहीं मिल सकी है। छतरपुर जिले के पुलिस अधीक्षक अमित सांघी हों या खंडवा जिले के एसपी बीरेंद्र सिंह या सिंगरौली के मोहम्मद युसूफ कुरेशी, इन की एक जनवरी 2024 को पदोन्नति हो चुकी है। आज भी सांघी, बीरेंद्र सिंह व कुरेशी एसपी का काम देख रहे हैं। इसी तरह कमांडेंट की तरह काम कर रहे पुलिस अधिकारियों में सातवीं बटालियन के अतुल सिंह, आरएटीसी के धर्मेंद्र भदौरिया और छठवीं बटालियन के साकेत पांडे प्रमोशन के बाद भी इन्हें पदों की भूमिका निभा रहे हैं। पुलिस रे़डियो में पदस्थ प्रशांत खरे भी डीआईजी बन चुके हैं लेकिन आज भी वे एसएसपी रेडियो का काम देख रहे हैं।
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