महाराष्ट्र की घटना का छतरपुर में मुस्लिम समुदाय के दर्जनों लोगों ने जिस अपराधिक प्रवृत्ति के साथ विरोध किया, उसको लेकर राज्य सरकार अब सख्त होती जा रही है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन अशोक नगर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने समुदाय का नाम लिए बिना सख्त लहजे में चेतावनी देकर अपने सरकार के रवैये के संकेत दे दिए। उन्होंने न केवल चेतावनी दी बल्कि भारत में रहने की राम-कृष्ण कहने की शर्त भी रखकर मुस्लिम समुदाय को सही बर्ताव करने की बात कह दी है।
मध्य प्रदेश में दो दशक से हिंदू-मुस्लिम तनाव की स्थिति बहुत कम बनी है लेकिन पिछले दिनों महाराष्ट्र की एक घटना को लेकर मुस्लिम समुदाय ने भीड़ के रूप में विरोध किया। इस भीड़ ने न केवल पुलिस-प्रशासन को चुनौती दी बल्कि थाने तक पर पत्थर फेंककर चिढ़ाने की कोशिश की। मगर मुस्लिम समुदाय के इस रवैये पर प्रशासन और पुलिस ने जिस अंदाज में एक्शन लिया, उससे हरेक की समझ में आ गया कि पुलिस-प्रशासन से पंगा लेना महंगा ही पड़ता है। भीड़ की अगुवाई करने वाले नेताओं की कोठी को जमींदोज कर दिया गया तो जो गिरफ्तार किए गए उनकी चाल ही नहीं सड़क पर उनके निकाले गए जुलूस में उनके बोल भी बदले नजर आए।
पुलिस-प्रशासन के एक्शन के बाद अब सीएम ने चेतावनी
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर अशोक नगर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के बयान में किसी समुदाय विशेष का नाम नहीं आया लेकिन बातों से यह साफ हो गया कि मुस्लिम समुदाय को सही बर्ताव की हिदायत दी जा रही है। सीएम यादव ने कहा कि भारत में रहना होगा तो राम-कृष्ण कहना होगा। डॉ यादव ने कहा, “जो यहां का खाता है और कहीं और का बजाता है, यह नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि हमारे देश के भीतर हम सब का सम्मान करना चाहते हैं, किसी का अपमान नहीं करना चाहते हैं.” .सीएम ने कहा हर किसी को अपनी पूजा-पद्धति की स्वतंत्रता है, लेकिन देशभक्ति जरूरी है. देशभक्ति के लिए कुछ भी नहीं हो सकता है, क्योंकि देश है तो हम रहेंगे.
चंदेरी हैंडलूम में हिंदू-मुस्लिम साथ करते हैं काम
मुख्यमंत्री जन्माष्टमी के मौके पर चंदेरी में कई स्थानों पर आयोजित समारोहों में शामिल होने पहुंचे. उन्होंने हैंडलूम की चर्चा की और कहा, “चंदेरी में हैंडलूम पार्क है, वहां मैं भी गया. वहां क्या हिंदू क्या मुसलमान सब खूब मेहनत करते हैं. यही पवित्रता का भाव चाहिए.” उन्होंने चंदेरी के ऐतिहासिक मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की और बुनकर पार्क में बुनकरों से सीधे संवाद भी किया. उनके द्वारा बनाई जा रही साड़ियों को भी देखा. साथ में रोड शो भी किया।
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