CM की काम में सुधार की नसीहत के बाद भी खुफिया पुलिस फेल, सैकड़ों वाहन-हजारों लोग कैसे जमा हो गए

मध्य प्रदेश में बारह साल पहले जिस तरह पुलिस का खुफिया तंत्र फेल साबित हुआ था, लगभग वही हालात फिर भोपाल में पैदा हुए हैं। मध्य प्रदेश पुलिस की खुफिया शाखा के कामकाज से सीएम भी संतुष्ट नहीं थे जिसका इजहार उन्होंने एक सप्ताह पहले ही किया था लेकिन इसके बाद भी करणी सेना के ऐसे आंदोलन की सूचना में वह एकबार फिर नाकाम रही है। संख्या का अंदाज नहीं लगा पाने की वजह से आंदोलन की अनुमति को लेकर प्रशासन व पुलिस के अधिकारी भी असमंजस में रहे। अब यह भीड़ पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती बन चुकी है।

2023 के पहले कार्य दिवस के दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य सचिव, एसीएस, पीएस, डीजीपी, एडीजी से लेकर अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को सीएम हाउस बुलाकर इस साल के अपने लक्ष्य बताए थे जिसमें कुछ लोगों को उनके काम में सुधार की नसीहत भी दी थी। सूत्रों के मुताबिक जिन अधिकारियों को यह नसीहत दी गई, उनमें खुफिया शाखा से जुड़े अधिकारी भी थे। उल्लेखनीय है कि खुफिया शाखा सरकार की आंख-नाक-कान होती है और उसकी जिम्मेदारी सरकार के सबसे विश्वास पात्र अधिकारी के पास ही होती है।
सैकड़ों वाहनों का जमावड़ा, हजारों की भीड़ चुनौती
करणी सेना के आंदोलन में आने वालों की संख्या का सही आकलन नहीं हो पाने की वजह से आज भोपाल के भेल टाउनशिप से सटे इलाके की दर्जनों कॉलोनियों के लिए समस्या बन गया है। आंदोलन के लिए प्रशासन द्वारा पहले अनुमति नहीं दिए जाने और फिर रातों रात अनुमति देने के फैसले में उसमें जमा होने वाली भीड़ का सही अंदाज नहीं लगाया जा सका। दो दिन से यह इलाका वाहनों की पार्किंग, आवाजाही, मैदान में नारेबाजी, भाषण के कारण अव्यवस्थित है। पुलिस भी बार-बार आंदोलन के नेताओं से चर्चा कर रही है लेकिन उनसे बातचीत के बाद भी आंदोलन समाप्ति की दिशा में कोई संभावना नहीं जाग रही है।
2010 से सबक नहीं लिया
गौरतलब है कि दिसंबर 2010 में भी इसी तरह के हालात बने थे। तब किसानों ने ट्रेक्टर-ट्रालियों से भोपाल शहर के चौराहों को जाम कर दिया था। सैकड़ों ट्रेक्टर-ट्राली लेकर किसान नेता कैलाश शर्मा कक्काजी किसानों के साथ भोपाल में पहुंचे थे और तीन दिनों तक किसान आंदोलन से राजधानी अस्त-व्यस्त रही थी। वही हालात इस बार भी पैदा हुए हैं। उस समय भी मध्य प्रदेश पुलिस का खुफिया तंत्र नाकाम रहा था और इस बार भी वही हश्र हुआ है।

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