कश्मीर भारत के लिए संवेदनशील मुद्दा होने के बाद भी इसके छुए-अनछुए पहलुओं को कुरेदा जाता है और उससे देश में कश्मीर मुद्दे को जिंदा रखने का प्रयास किया जाता है। ऐसा ही कुछ इस बार स्कूल-कॉलेज तथा प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग कराने वाली संस्था बायजूस भी कर रही है। उसने कश्मीर के कुछ ऐसे संवेदनशील बिंदुओं को पाठ में शामिल किया है जो नई पीढ़ी के दिमाग में विवादास्पद रूप में घर कर सकती है। आईए आपको बताएं बायजूस की क्लास में क्या पढ़ाया जा रहा है।
बायजूस की आईएएस कोचिंग क्लास के स्टडी मटेरियल का एक अध्याय इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वायरल स्टडी मटेरियल में स्वतंत्रता के बाद का इतिहास पढ़ाया जा रहा है। स्वतंत्रता के बाद के इतिहास में बताया जाता है कि कश्मीर मुद्दे का 15वें नंबर का पाठ है जिसमें कुछ बिंदु इस संवेदनशील मुद्दे के हैं। आईएएस कोचिंग क्लास के नाम पर स्टूडेंट्स को यह पढ़ाया जा रहा है कि कश्मीर मुद्दे पर जवाहरलाल नेहरू भारत में शामिल करने के पक्षधर थे और सरदार वल्लभ भाई पटेल उसे पाकिस्तान में शामिल कराने के पक्ष में थे। हालांकि इस संवेदनशील मुद्दे के बारे में सभी जानते हैं लेकिन स्कूल-कॉलेज या किसी प्रतियोगी परीक्षा के लिए ऐसे संवेदनशील मुद्दों को पाठ के रूप में शामिल किए जाने पर कई लोग असहमत हैं क्योंकि सोशल मीडिया पर कश्मीर के बारे में बायजूस के पाठ की आलोचना हो रही है।
बायजूस ने ई-मेल का जवाब दिया, मगर विषय से हटकर बायजूस को हमने इस मुद्दे पर उनके बायजूस सपोर्ट ई-मेल आईडी पर 20 मार्च को मेल किया था और बायजूस के पाठ के साथ उनसे पूछा था कि वे इस बारे में अपना पक्ष बताएं। बायजूस ने एक दिन बाद 21 मार्च को उसका जवाब दिया और कहा कि उन्होंने इस विषय को उनके संबंधित डिपार्टमेंट को भेज दी है। मगर हमारे प्रश्न का जवाब 23 मार्च की सुबह तक नहीं भेजा था। इसके पूर्व उन्हें बायजूस की वेबसाइट पर दिए गए मोबाइल 9243500460, 9241333666 पर दोबार संपर्क किया था और तब उन्होंने ई-मेल करने की सलाह दी थी। वैसे भारत में कश्मीर जितना संवेदनशील मुद्दा है, इसके बाद भी हर कोई उसे अपने हिसाब से भुनाकर अपने आपको सुर्खियों में बना लेता है।
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