Madhya Pradesh में DAK विभाग पेशेवर सलाहकारों के माध्यम से अपनी विरासत के भवनों-स्मारकों का करेगा जीर्णोद्धार

मध्य प्रदेश में कई ऐतिहासिक बिल्डिंग और स्मारक हैं जिनकी देखरेख नहीं होने से उनकी हालत खराब हो रही है मगर केंद्रीय डाक विभाग ने अपनी ऐसी विरासत के भवनों व स्मारकों More »

डेयरी संचालक ने दुकानों को तोड़ने फर्जी व्यक्ति को बनाया BHOPAL जिला BJP अध्यक्ष रविंद्र यति, अब POLICE ढूुंढेगी…

नेताओं के दबदबे को दिखाने के लिए एक दुकानदार ने अपने पड़ोस के दुकानदारों के कब्जों को गिराने के लिए ऐसा षड़यंत्र रचा कि अब वह उनके गले की हड्डी बनने वाला More »

आखिरकार PWD के पूर्व Eng in Chief जीपी मेहरा पर लोकायुक्त पुलिस का Action, विभाग के तथाकथित भ्रष्ट अफसरों में गिने जाते रहे मेहरा

जिन सड़कों को लेकर मध्य प्रदेश किसी जमाने में बदनाम हुआ करता था, उसे बनाने और देखरेख करने वाले लोक निर्माण विभाग के तथाकथित भ्रष्ट अफसरों में गिने जाने वाले रिटायर्ड इंजीनियर More »

आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच ने राजस्थान में हिरासत में मौत पर BJP को घेरा, आदिवासी अत्याचार में 29 % वृद्धि

आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच राजस्थान के डूंगरपुर जिले के कलारिया गाँव के 22 वर्षीय आदिवासी युवक दिलीप अहारी की पुलिस हिरासत में मौत को लेकर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों को घेरा More »

शताब्दी वर्ष पर बस्ती-बस्ती में स्वयंसेवकों ने निकाले पथ संचलन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विजयादशमी के पावन पर्व पर गुरुवार को भोपाल महानगर के 12 विभिन्न नगरों, खंडों और बस्तियों में पथ संचलन निकाले गए। संघ के More »

विधानसभा चुनाव के बीच उमा भारती का हिमालय कूच, कई अधूरे काम गिनाते हुए गृह गांव को निकलीं

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की दिग्विजय सरकार को 20 साल पहले उखाड़ फेंककर भाजपा को सत्ता में लाने वाली पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती 2023 के विधानसभा चुनाव के बीच हिमालय में ध्यान लगाने जा रही हैं। उन्होंने बिना किसी का जिक्र किए कहा है कि 20 साल बाद भी अभी तक गौसंवर्धन, गौरक्षण उपाय पूरे नहीं हुए तो धार की भोजशाला, रायसेन के सोमेश्वर महादेव तो विदिशा की विजयासेन देवी के पट अब तक बंद हैं जिस पर आत्मचिंतन की जरूरत है। पढ़िये रिपोर्ट।

निशा बांगरे को कमलनाथ ने कहा दिल्ली से बात कर हल निकालेंगे, चर्चा के बाद नर्म पड़े तेवर

विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए राज्य प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़ने वाली युवा महिला अधिकारी निशा बांगरे की बुधवार की रात को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकात हुई। इस मुलाकात में दिल्ली से बात करने का आश्वासन मिलने के बाद बांगरे के तेवर ठंडे पड़ गए हैं। पढ़िये रिपोर्ट, दिल्ली से चर्चा के क्या हैं मायने।

कांग्रेस के लिए भोपाल उत्तर सीट उलझती जा रही, 1993 का इतिहास दोहराया जाएगा

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की भोपाल उत्तर की विधानसभा सीट पर अकील परिवार की वजह से कांग्रेस के लिए यहां उलझनें बढ़ रही हैं। बाबरी मस्जिद ढांचे के ढहाये जाने के बाद के सांप्रदायिक दंगों से आहत हुए लोगों ने 1993 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विरुद्ध वोट देकर भाजपा को जिताया था और इस चुनाव में भी वैसे ही हालात बनते दिखाई दे रहे हैं। पढ़िये रिपोर्ट।

Bhopal South West-Huzoor seats: BJP सबनानी को सुरक्षित सीट पर शिफ्ट करेगी…?

प्रदेश भाजपा में महामंत्री भगवानदास सबनानी को पार्टी ने भोपाल दक्षिण पश्चिम से टिकट दिया है लेकिन बताया जा रहा है कि अब उनके लिए पार्टी दूसरी सुरक्षित सीट तलाशी जा रही है। सबनानी के लिए दूसरी सुरक्षित सीट हुजूर है जहां से अभी पार्टी ने विधायक रामेश्वर शर्मा को टिकट दिया है और दोनों प्रत्याशियों के बीच सीट का बदलाव किए जाने की जमकर चर्चा है। पढ़िये रिपोर्ट।

In Tikamgarh: कांग्रेस candidate Kiran Ahirwar की जाति प्रमाण पत्र पर एतराज, संकट के बादल

टीकमगढ़ जिले की जतारा आरक्षित सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी किरण अहिरवार के जाति प्रमाण पत्र पर एतराज किए जाने से उन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। उनके पिता राजस्थान के थे और बैरवा जाति वहां अनुसूचित जाति में आती है लेकिन मध्य प्रदेश में वह अनुसूचित जाति की सूची में नहीं है। इससे किरण अहिरवार की आरक्षित सीट से उम्मीदवारी पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पढ़िये रिपोर्ट।

कांग्रेस ने बदले चार प्रत्याशी, सुमावली_जावरा_ पिपरिया और बड़नगर में बदलाव

कांग्रेस ने प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद 230 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए थे लेकिन बुधवार को चार प्रत्याशियों को बदल दिया गया है. बैतूल जिले की आमला सीट पर एचडी एम पद छोड़कर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही निशा बांगरी की चेतावनी के बाद भी अभी सीट पर पिछली बार के हारे प्रत्याशी मनोज मालवे ही अधिकृत प्रत्याशी हैं. अभी शिवपुरी और पिछोर सीट के प्रत्याशियों को बदले जाने पर फैसला नहीं हुआ है.

मोदी की विधानसभा चुनाव के रास्ते लोकसभा की तैयारी

जब महाभारत के युद्ध के बाद ये प्रश्न उठा कि युद्ध में सबसे अधिक योगदान किसका रहा, तो इसका उत्तर पूरा युद्ध देखने वाले बर्बरीक से पूछा गया। उनका जवाब था कि युद्ध के मैदान में मुझे चारों ओर सिर्फ सुदर्शन चक्र ही घूमता नजर आया। हर तरफ श्री कृष्ण ही युद्ध लड़ते दिखे। कुछ ऐसा ही मंजर पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा के चुनावी रण में भी दिखने की उम्मीद है। जहां श्रीकृष्ण की भूमिका में पीएम मोदी होंगे और सुदर्शन चक्र के रूप में उनकी बेमिसाल वाक्पटुता कार्य करते दिखेगी। लेकिन इस चुनावी महाभारत में फिर अन्य योद्धाओं की क्या भूमिका होगी? चूंकि एक तरफ केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी की सुगबुगाहट के साथ मध्य प्रदेश में बीजेपी के चुनावी बैनर-पोस्टर से 18 साल मुख्यमंत्री का सुख भोगने वाले शिवराज जी गायब नजर आने लगे हैं, और दूसरी तरफ प्रह्लाद सिंह पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, कैलाश विजयवर्गीय, नरेंद्र सिंह तोमर, गणेश सिंह या रमेश सिंह जैसे 60 पार वाले केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों और चर्चित चेहरों को जंग में हिस्सा लेना का आदेश जारी हुआ है। हालांकि इनके बीच एक दिलचस्प नाम सांसद रीति पाठक का भी है, लेकिन भले इन नामों को मुख्यमंत्री की रेस में दौड़ाने के हिसाब से भी देखा जा रहा हो लेकिन इनमें से किसी का भी मुख्यमंत्री बनने का सपना तभी पूरा हो सकेगा, जब भाजपा प्रदेश में वापसी करेगी। कुछ ऐसा ही हाल राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे चुनावी राज्यों में भी देखने को मिल रहा है, वहीं टी राजा सिंह जैसे नामों के साथ तेलंगाना भी इससे अछूता नहीं रहा है।

निशा बांगरे का कमलनाथ से सवाल, कांग्रेस की परीक्षा की घड़ी, अपना स्टैंड क्लियर करें कमलनाथ

विधानसभा चुनाव के लिए राज्य प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़कर कांग्रेस के भरोसे पर टिकी निशा बांगरे अब सीधे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से सवाल कर रही हैं। कांग्रेस के लिए वे गले की हड्डी बनती नजर आ रही हैं और उन्होंने कमलनाथ से दो टूक जवाब मांगा है। पढ़िये रिपोर्ट।

SDM की नौकरी छोड़ने वाली निशा का चुनाव लड़ने का ऐलान, कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर डटीं मैदान में

राज्य प्रशासनिक नौकरी से इस्तीफा देने वाली छतरपुर एसडीएम रहीं निशा बांगरे ने अब चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने का ऐलान कर दिया है। बांगरे को कांग्रेस से टिकट की उम्मीद थी लेकिन इस्तीफा स्वीकार होने के कुछ घंटे पहले दूसरे प्रत्याशी के ऐलान के बाद उन्होंने पीछे नहीं हटने की घोषणा कर दी है। पढ़िये रिपोर्ट।

विधानसभा चुनाव बागियों का मैदान बना, फूट-फूटकर रो रहे बागी

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव इस समय बागियों का मैदान बन चुका है। भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही पार्टियां इस समय बगावत करने वाले नेताओं से जूझ रही हैं। भाजपा के बागी नेता तो नेतृत्व के फैसलों पर फूट-फूटकर तक रो दिए हैं तो कांग्रेस में बाहरियों के लिए टिकट बदले जाने से बगावत के तेवर दिखाई दे रहे हैं। हमारे लिए वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र कैलासिया की रिपोर्ट।

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