Daughters को पढ़ाने के नारा नारे तक सिमटा, Bhopal में ही एक Faimly बेटी को पढ़ाई से दूर करने वाला निकला

दस साल पहले जिस बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारे के साथ भारत सरकार ने योजना को लांच किया था, उसकी जमीनी हकीकत को भोपाल में एक परिवार ने आईना दिखाया है। यहां More »

MP PCC में Rahul से दूर रखे जा रहे संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी, जिलाध्यक्षों की ट्रेनिंग कार्यक्रम से किया दूर

मध्य प्रदेश कांग्रेस में युवा नेतृत्व को मजबूत करने के नाम पर वरिष्ठ नेताओं को दूध में मक्खी की तरह अलग करने की रणनीति दिखाई दे रही है। चाहे संगठन सृजन कार्यक्रम More »

Madhya Pradesh में DAK विभाग पेशेवर सलाहकारों के माध्यम से अपनी विरासत के भवनों-स्मारकों का करेगा जीर्णोद्धार

मध्य प्रदेश में कई ऐतिहासिक बिल्डिंग और स्मारक हैं जिनकी देखरेख नहीं होने से उनकी हालत खराब हो रही है मगर केंद्रीय डाक विभाग ने अपनी ऐसी विरासत के भवनों व स्मारकों More »

डेयरी संचालक ने दुकानों को तोड़ने फर्जी व्यक्ति को बनाया BHOPAL जिला BJP अध्यक्ष रविंद्र यति, अब POLICE ढूुंढेगी…

नेताओं के दबदबे को दिखाने के लिए एक दुकानदार ने अपने पड़ोस के दुकानदारों के कब्जों को गिराने के लिए ऐसा षड़यंत्र रचा कि अब वह उनके गले की हड्डी बनने वाला More »

आखिरकार PWD के पूर्व Eng in Chief जीपी मेहरा पर लोकायुक्त पुलिस का Action, विभाग के तथाकथित भ्रष्ट अफसरों में गिने जाते रहे मेहरा

जिन सड़कों को लेकर मध्य प्रदेश किसी जमाने में बदनाम हुआ करता था, उसे बनाने और देखरेख करने वाले लोक निर्माण विभाग के तथाकथित भ्रष्ट अफसरों में गिने जाने वाले रिटायर्ड इंजीनियर More »

इंडियन आइडल सीज़न 14 में गृह प्रवेश थीमः टॉप 15 प्रतियोगियों की वीकेंड पर प्रस्तुति

सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का प्रतिष्ठित गायन रियलिटी शो, ‘इंडियन आइडल सीजन 14’, जो महत्वाकांक्षी गायकों के लिए अपनी क्षमता साबित करने के लिए एक राष्ट्रीय मंच के रूप में उभरा है, को हाल ही में थिएटर राउंड के दौरान टॉप 5 प्रतियोगी मिले हैं। एक कदम आगे बढ़ते हुए, प्रतियोगी इस वीकेंड बहुप्रतीक्षित ग्रैंड प्रीमियर एपिसोड के दौरान अपने गायन कौशल के साथ एक प्रभावशाली छाप छोड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। ‘गृह प्रवेश’ की थीम पर आधारित यह सिंगिंग रियलिटी शो ‘संगीत का सबसे बड़ा घराना’ होने का पर्याय है, जिसमें प्रतिष्ठित जज कुमार सानू, श्रेया घोषाल और विशाल ददलानी भारत की बेहतरीन गायन प्रतिभाओं की खोज की यात्रा पर निकलेंगे। इतना ही नहीं, मेजबान हुसैन कुवाजेरवाला अपने आकर्षण और बुद्धि के साथ शाम को मनोरंजक बनाने के लिए शो में जोड़ देंगे!

‘काव्या एक जज़्बा एक जुनून’ की सुम्बुल-अधिराज का ऑन और ऑफ स्क्रीन रोमांस, जानिये दिलचस्प बातें

टेलीविजन की दुनिया में, जहां ऑन-स्क्रीन ड्रामा अक्सर कश्मकश पैदा करते हैं, वहीं पर्दे के पीछे एक अनोखी कहानी मौजूद होती है जो यादें बनाती है। सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के बहुचर्चित शो, “काव्या – एक जज़्बा, एक जुनून” में काव्या के रूप में प्रतिभाशाली एक्ट्रेस सुम्बुल तौकीर खान और अधिराज के रूप में मिश्कत वर्मा ऑन और ऑफ स्क्रीन दोनों में समान केमिस्ट्री दर्शाते हैं। शो की नवीनतम कहानी में, दर्शक एक मोड़ देख रहे हैं जहां अधिराज और काव्या के बीच गलतफहमियों के बादल छा रहे हैं, जो उन्हें अलग कर रहे हैं। अधिराज, अनजाने में, काव्या के बसंत खेड़ी अस्पताल की स्थापना के सपने में बाधा बन जाता है। मामले को और अधिक मुश्किल बनाने के लिए, अधिराज एक वायरल वीडियो प्रसारित करने का इल्ज़ाम लेता है, जिससे उनका समीकरण और अधिक उलझ जाता है। फिर भी, ऑफ-स्क्रीन यह जोड़ी एक असाधारण बंधन साझा करती है।

विधानसभा चुनाव के बीच उमा भारती का हिमालय कूच, कई अधूरे काम गिनाते हुए गृह गांव को निकलीं

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की दिग्विजय सरकार को 20 साल पहले उखाड़ फेंककर भाजपा को सत्ता में लाने वाली पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती 2023 के विधानसभा चुनाव के बीच हिमालय में ध्यान लगाने जा रही हैं। उन्होंने बिना किसी का जिक्र किए कहा है कि 20 साल बाद भी अभी तक गौसंवर्धन, गौरक्षण उपाय पूरे नहीं हुए तो धार की भोजशाला, रायसेन के सोमेश्वर महादेव तो विदिशा की विजयासेन देवी के पट अब तक बंद हैं जिस पर आत्मचिंतन की जरूरत है। पढ़िये रिपोर्ट।

निशा बांगरे को कमलनाथ ने कहा दिल्ली से बात कर हल निकालेंगे, चर्चा के बाद नर्म पड़े तेवर

विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए राज्य प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़ने वाली युवा महिला अधिकारी निशा बांगरे की बुधवार की रात को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकात हुई। इस मुलाकात में दिल्ली से बात करने का आश्वासन मिलने के बाद बांगरे के तेवर ठंडे पड़ गए हैं। पढ़िये रिपोर्ट, दिल्ली से चर्चा के क्या हैं मायने।

कांग्रेस के लिए भोपाल उत्तर सीट उलझती जा रही, 1993 का इतिहास दोहराया जाएगा

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की भोपाल उत्तर की विधानसभा सीट पर अकील परिवार की वजह से कांग्रेस के लिए यहां उलझनें बढ़ रही हैं। बाबरी मस्जिद ढांचे के ढहाये जाने के बाद के सांप्रदायिक दंगों से आहत हुए लोगों ने 1993 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विरुद्ध वोट देकर भाजपा को जिताया था और इस चुनाव में भी वैसे ही हालात बनते दिखाई दे रहे हैं। पढ़िये रिपोर्ट।

Bhopal South West-Huzoor seats: BJP सबनानी को सुरक्षित सीट पर शिफ्ट करेगी…?

प्रदेश भाजपा में महामंत्री भगवानदास सबनानी को पार्टी ने भोपाल दक्षिण पश्चिम से टिकट दिया है लेकिन बताया जा रहा है कि अब उनके लिए पार्टी दूसरी सुरक्षित सीट तलाशी जा रही है। सबनानी के लिए दूसरी सुरक्षित सीट हुजूर है जहां से अभी पार्टी ने विधायक रामेश्वर शर्मा को टिकट दिया है और दोनों प्रत्याशियों के बीच सीट का बदलाव किए जाने की जमकर चर्चा है। पढ़िये रिपोर्ट।

In Tikamgarh: कांग्रेस candidate Kiran Ahirwar की जाति प्रमाण पत्र पर एतराज, संकट के बादल

टीकमगढ़ जिले की जतारा आरक्षित सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी किरण अहिरवार के जाति प्रमाण पत्र पर एतराज किए जाने से उन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। उनके पिता राजस्थान के थे और बैरवा जाति वहां अनुसूचित जाति में आती है लेकिन मध्य प्रदेश में वह अनुसूचित जाति की सूची में नहीं है। इससे किरण अहिरवार की आरक्षित सीट से उम्मीदवारी पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पढ़िये रिपोर्ट।

कांग्रेस ने बदले चार प्रत्याशी, सुमावली_जावरा_ पिपरिया और बड़नगर में बदलाव

कांग्रेस ने प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद 230 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए थे लेकिन बुधवार को चार प्रत्याशियों को बदल दिया गया है. बैतूल जिले की आमला सीट पर एचडी एम पद छोड़कर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही निशा बांगरी की चेतावनी के बाद भी अभी सीट पर पिछली बार के हारे प्रत्याशी मनोज मालवे ही अधिकृत प्रत्याशी हैं. अभी शिवपुरी और पिछोर सीट के प्रत्याशियों को बदले जाने पर फैसला नहीं हुआ है.

मोदी की विधानसभा चुनाव के रास्ते लोकसभा की तैयारी

जब महाभारत के युद्ध के बाद ये प्रश्न उठा कि युद्ध में सबसे अधिक योगदान किसका रहा, तो इसका उत्तर पूरा युद्ध देखने वाले बर्बरीक से पूछा गया। उनका जवाब था कि युद्ध के मैदान में मुझे चारों ओर सिर्फ सुदर्शन चक्र ही घूमता नजर आया। हर तरफ श्री कृष्ण ही युद्ध लड़ते दिखे। कुछ ऐसा ही मंजर पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा के चुनावी रण में भी दिखने की उम्मीद है। जहां श्रीकृष्ण की भूमिका में पीएम मोदी होंगे और सुदर्शन चक्र के रूप में उनकी बेमिसाल वाक्पटुता कार्य करते दिखेगी। लेकिन इस चुनावी महाभारत में फिर अन्य योद्धाओं की क्या भूमिका होगी? चूंकि एक तरफ केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी की सुगबुगाहट के साथ मध्य प्रदेश में बीजेपी के चुनावी बैनर-पोस्टर से 18 साल मुख्यमंत्री का सुख भोगने वाले शिवराज जी गायब नजर आने लगे हैं, और दूसरी तरफ प्रह्लाद सिंह पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, कैलाश विजयवर्गीय, नरेंद्र सिंह तोमर, गणेश सिंह या रमेश सिंह जैसे 60 पार वाले केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों और चर्चित चेहरों को जंग में हिस्सा लेना का आदेश जारी हुआ है। हालांकि इनके बीच एक दिलचस्प नाम सांसद रीति पाठक का भी है, लेकिन भले इन नामों को मुख्यमंत्री की रेस में दौड़ाने के हिसाब से भी देखा जा रहा हो लेकिन इनमें से किसी का भी मुख्यमंत्री बनने का सपना तभी पूरा हो सकेगा, जब भाजपा प्रदेश में वापसी करेगी। कुछ ऐसा ही हाल राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे चुनावी राज्यों में भी देखने को मिल रहा है, वहीं टी राजा सिंह जैसे नामों के साथ तेलंगाना भी इससे अछूता नहीं रहा है।

निशा बांगरे का कमलनाथ से सवाल, कांग्रेस की परीक्षा की घड़ी, अपना स्टैंड क्लियर करें कमलनाथ

विधानसभा चुनाव के लिए राज्य प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़कर कांग्रेस के भरोसे पर टिकी निशा बांगरे अब सीधे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से सवाल कर रही हैं। कांग्रेस के लिए वे गले की हड्डी बनती नजर आ रही हैं और उन्होंने कमलनाथ से दो टूक जवाब मांगा है। पढ़िये रिपोर्ट।

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