भाजपा के एक पूर्व विधायक ने विधायक निधि को अपने ही व्यक्तिगत कार्य के लिए खर्च कर लिया। इसका खुलासा तब हुआ जब लोकायुक्त ने एक शिकायत की जांच में उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच की और तथ्यात्मक रूप से आरोप सही पाए जाने पर अब एफआईआर दर्ज हुई है। यही विधायक हैं जिनका भाजपा ने टिकट काट दिया था तो खुद को उन्होंने पाक साफ बताते हुए पार्टी नेतृत्व के फैसले को अनुचित ठहराया था और वीडियो बयान में कहा था कि नेतृत्व को उनकी वरिष्ठता और बेदाग राजनीतिक जीवन को देखते हुए एकबार उनसे बात कर ली जाती, फिर टिकट का फैसला लिया जाता। पढ़िये रिपोर्ट।
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