चुनाव वर्षः BJP के बेरोजगारों को ट्रेनिंग के साथ 8000 के ऐलान पर INC तरकश से निकाला ‘बेरोजगार प्रकोष्ठ’

मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले सत्ताधारी भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने इन दिनों अपने-अपने तरकश से मतदाताओं की इच्छापूर्ति योजनाएं-वादों की झड़ी लगा दी है। किसान, आदिवासी, महिलाओं के बाद युवाओं को लुभाने के लिए जहां सरकार ने बेरोजगारों को ट्रेनिंग के साथ 8000 रुपए देने की योजना लांच की तो वहीं कांग्रेस ने अपने तरकश से बेरोजगारी प्रकोष्ठ का तीर चलाया है। आपको बता रहे हैं, अब तक सरकार ने किस वर्ग के लिए क्या योजनाएं लांच कीं हैं और कांग्रेस ने उसके पलटवार में क्या वादे किए।

मध्य प्रदेश में सोलहवीं विधानसभा के लिए इस साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं जिसके लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल मतदाताओं को रिझाने में लगे हैं। सरकार ने गुरुवार को युवा नीति लांच कार्यक्रम में बेरोजगार युवाओं को ट्रेनिंग के साथ 8000 रुपए देने का ऐलान किया है और उनके इनोवेटिव आइडिया को मदद करने के लिए 100 करोड़ रुपए का फंड इंतजाम करने की घोषणा की है। अब कांग्रेस सत्ता में नहीं है तो उसने अपने तरकश में से उसने युवाओं की बड़ी समस्या बेरोजगारी को लेकर उन्हें बेरोजगारी प्रकोष्ठ मंच देकर उनकी जरूरतों को पता लगाने की शुरुआत कर दी है। इस बेरोजगारी प्रकोष्ठ के माध्यम से कांग्रेस बेरोजगारों का डाटा तैयार करने जा रही है जिसकी जिम्मेदारी पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ के विश्वसनीय महासचिव चंद्रिकाप्रसाद द्विवेदी और प्रदीप पांडे को दी है। अभी इंदौर, जबलपुर सहित 44 जिलों के अध्यक्षों का ऐलान कर दिया गया है। भोपाल सहित कुछ अन्य जिलों के नाम जल्द घोषित किए जाने की बात कही जा रही है।
चुनाव वर्ष में ऐसे लुभा रहे भाजपा-कांग्रेस
सरकार ने कमलनाथ सरकार के समय की कर्ज माफी योजना के डिफाल्टर किसानों के ब्याज को भरने, बिजली सब्सिडी के लिए 13 हजार करोड़, फसल बीमा योजना के लिए 2001 करोड़ का बजट में प्रावधान किया है। कुल मिलाकर भाजपा सरकार ने किसानों को लुभाने के लिए 53 हजार करोड़ रुपए बजट में किए हैं तो कांग्रेस ने सरकार के बजट प्लान को अपनी 2018 की कर्ज माफी योजना को पुनः लागू करने का वादा वचन पत्र में रखने की तैयारी कर रखी है।
महिलाओं के दोनों हाथ में लड्डू
चुनाव वर्ष में भाजपा-कांग्रेस दोनों का प्रदेश की आबादी पर विशेष ध्यान है। सरकार में होने का लाभ उठाते हुए भाजपा ने उनके लिए लाड़ली बहना योजना लाकर 18000 करोड़ उन्हें देने का ऐलान किया है। यह राशि हर महीने पात्र महिलाओं को एक हजार रुपए के रूप में दी जाएगी लेकिन इसकी औपचारिकताएं मई-जून तक पूरी हो पाएंगे। कांग्रेस ने अपनी सरकार बनने की स्थिति में महिलाओं को घर बैठे 1000 रुपए नहीं 1500 रुपए देने का ऐलान किया है। वहीं, कांग्रेस ने महिलाओं को एक और बड़ा लुभावना वादा कर दिया है जिसमें वे सरकार बनने की स्थिति में घरेलू गैस सिलेंडर 500 रुपए में देने का ऐलान किया है।
आदिवासी समाज पर दोनों दल की नजर
विधानसभा चुनाव को देखते हुए मध्य प्रदेश में आदिवासियों की रिजर्व 47 सीटों के अलावा इनके द्वारा प्रभावित की जाने वाली करीब 30 अन्य सीटों को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों की नजर है। भाजपा ने तो इसको लेकर लोकसभा चुनाव 2019 के बाद से ही रणनीति के तहत काम शुरू कर दिया था और विश्व जनजातीय दिवस पर मेगा आयोजन से लेकर बिरसा मुंडा, टंटया मामा, रानी कमलापति को सम्मान दिलाने के लिए रेलवे स्टेशन, चौराहों का नामकरण किया। इसके साथ पेसा एक्ट लागू किया। वहीं, कांग्रेस ने आदिवासियों के बड़े संगठन जयस को अपने साथ रखते हुए जनजातीय समाज के लोगों में अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की है। पेसा एक्ट को लेकर कांग्रेस अपनी सरकार को श्रेय दे रहे हैं और भाजपा सरकार द्वारा लागू किए गए पेसा एक्ट को विकृत स्वरूप वाला बताने का प्रयास किया जा रहा है।

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