इंदौर में एक पुलिस अधिकारी की नवविवाहित पुत्रवधु की खुदकुशी की घटना को लेकर संगठनों ने रविवार को मार्च निकाला। पुलिस अधिकारी की बहू श्रेया को न्याय दिलाने के लिए राजवाड़ा से लेकर पुलिस कमिश्नर ऑफिस तक निकाले गए मार्च में जस्टिस फॉर श्रेया के नारे भी लगे। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश पुलिस के एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक टीएस बघेल इंजीनियर बेटे वरुण से श्रेया गहरवार की कुछ दिन पहले ही शादी हुई थी। वरुण आईआईटी से पासआउट है और श्रेया-वरुण की शादी को एक महीना भी पूरा नहीं हुआ था कि 24 अगस्त को श्रेया ने खुदकुशी कर ली। गहरवार की पिता अखिलेश सिंह गहरवार और मां अलका सिंह हैं। मां का कहना है कि ससुराल में श्रेया को शादी के बाद से ही दहेज को लेकर प्रताड़ित किया जा रहा था। उन्होंने श्रेया के ससुराल वालों को दहेज का लोभी बताते हुए उन्हें लालची व क्रूर स्वभाव का बताया। दहेज की मांग को लेकर ससुराल वाले श्रेया को न केवल मानसिक रूप से प्रताड़ित करते बल्कि शारीरिक रूप से भी यातनाएं दी जाती थीं। मां अलका ने पुलिस कमिश्नर को सौंपे ज्ञापन में आरोप लगाया कि श्रेया मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किए जाने से इतना परेशान हो गई थी कि उसने खुदकुशी जैसा विकल्प चुना।
श्रेया के परिजनों ने पुलिस में सुनवाई न होने के लगाए आरोप
एक महीने पहले ब्याह कर पुलिस अधिकारी के घर में भेजने वाले श्रेया के माता-पिता का आरोप है कि बेटी की खुदकुशी की घटना के बाद भी पुलिस उनकी सुनवाई नहीं कर रही है। घटना को लेकर पुलिस पर दबाव डालकर उचित कार्यवाही करने से रोका जा रहा है। एफआईआर तक दर्ज नहीं की जा रही है और हमारी शिकायत की कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
जस्टिस फॉर श्रेया के नारे लगे
श्रेया की खुदकुशी की घटना के बाद कुछ संगठन सड़क पर उतर आए। राजवाड़े से लेकर पुलिस कमिश्नर ऑफिस तक पदयात्रा कर मार्च निकाला गया। जस्टिस फॉर श्रेया के नारों से इंदौर की सड़कें गूंज उठी। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासंघ की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अर्चना राठौर ने मांग की है कि श्रेया को न्याय दिलाया जाए और पुलिस आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज उनके खिलाफ सख्त एक्शन ले।
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