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MP की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का ऐलान, इस्तीफा अस्वीकार होने से खफा, अधिकारों के लिए चुनाव लड़ेंगी

मध्य प्रदेश की महिला डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने राज्य शासन को इस्तीफा स्वीकार नहीं किए जाने पर चुनौती दी है कि अपने और अपने समाज के अधिकार के लिए चुनाव जरूर लड़ेगी. दुनिया की कोई ताकत उन्हे चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती।

निशा बांगरे ने वीडियो संदेश में कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में वे नामांकन भरेंगी और चुनाव लड़ेंगी। इसके बाद भी यदि द्वेष पूर्ण भावना से उऩका नामांकन खारिज किया जाता है या इस्तीफा अस्वीकार करके उन्हें चुनाव लड़ने से रोका जाता है तो वे अपने अधिकारों से वंचित रहकर जीवित रहने से बेहतर मैं आमरण अनशन कर अपने प्राण त्यागना पसंद करूंगी। उनके इस संदेश की गुरुवार को राजनीतिक गलियारों में चर्चा रही और उससे सनसनी फैल गई। बांगरे ने राज्य शासन को चुनौती दी है कि दुनिया की कोई भी ताकत उन्हें चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती और अगर उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई से चुनाव लड़ने से रोका जाता है या परेशान करने की नीयत से इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाता है तो वह आमरण अनशन करके अपने प्राण त्याग देंगी परंतु अपने अधिकारों से समझौता नहीं करेंगी और वैसे जीना पसंद नहीं करेंगी।

बांगरे ने वीडियो मैसेज में कहा कि उन्हें अपने ही घर के उद्घाटन कार्यक्रम में आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना में जाने से तथा भगवान बुद्ध की अस्थियों के दर्शन करने से रोका गया है। उन्हें न केवल कार्यक्रम में जाने के लिए अवकाश नहीं दिया गया बल्कि शासन द्वारा कार्यक्रम में शामिल होने पर कार्रवाई की गई। उन्हें परेशान किया गया है और किया जा रहा है। कार्यक्रम में जाने की अनुमति नहीं मिलने पर इस्तीफा देने के बाद ही कार्यक्रम में सम्मिलित हुई मगर इसके बावजूद शासन के द्वारा पिछली तारीख में उन्हें नोटिस जारी किए गए। एक महीने तक उनके इस्तीफा पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। इसके बाद जब वे न्याय के लिए हाईकोर्ट की शरण में गई तो कोर्ट को भी गुमराह करते हुए शासन ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी जीएडी के सर्कुलर के विपरीत उनके खिलाफ अपने घर के कार्यक्रम में सम्मिलित होने के कारण विभागीय जांच शुरू कर दिया। फिर उसी जांच का हवाला देकर उनके इस्तीफा को अस्वीकार कर दिया। बांगरे ने कहा है कि इस प्रकार उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है।
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