कमलनाथ तय नहीं करेंगे विधानसभा के भावी प्रत्याशियों का चयन, AICC के दूत की मौजूदगी में बैठक

मध्य प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय इंदिरा भवन में रविवार को कांग्रेस चुनाव समिति और कैंपेन कमेटी की पहली बैठक हुई। बैठक में इस बात की सहमति बनी कि उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया कांग्रेस की परंपरा के अनुसार ही हो। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ चाहते थे कि चुनाव समिति प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया की जिम्मेदारी के लिए उन्हें अधिकृत कर दे पर इस पर सहमति नहीं बन पाई।

कांग्रेस में परंपरा रही है कि भावी उम्मीदवारों के नाम का पैनल जिला कांग्रेस कमेटी और चुनाव पर्यवेक्षकों से मंगाया जाता रहा है। चुनाव समिति के अधिकांश सदस्यों का यह मानना था कि कांग्रेस में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन करते हुए नेता प्रतिपक्ष, जिला कांग्रेस कमेटी और पर्यवेक्षकों से तीन-तीन दावेदारों के नामों की सूची मंगाई जाती है और इन नामों पर चुनाव समिति में चर्चा होती है उसके बाद पैनल तय किए जाते हैं। इसके अलावा कांग्रेस कमेटी के आंतरिक सर्वे को भी प्राथमिकता दी जाती रही है। प्रदेश चुनाव समिति के सदस्यों ने कांग्रेस में पूर्व से चली आ रही है परंपराओं और प्रक्रियाओं के आधार पर उम्मीदवारों के चयन तय करने का आग्रह किया है।
लगातार तीन बार हारे उम्मीदवारों के नाम पर नहीं होगा विचार
इस बैठक में प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रोडमैप तैयार किया गया। साथ ही हार के मार्जिन पर चर्चा हुई। कांग्रेस हारी हुई सीटों पर क्राइटेरिया बनाने की तैयारी में है। कांग्रेस की मीटिंग में हार के मार्जिन पर भी चर्चा हुई है। पार्टी हारी हुई सीटों पर क्राइटेरिया बनाने की तैयारी में है। बैठक के बाद पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि कई मुद्दों पर चर्चा हुई है। सभी सीटों, वर्तमान विधायक, हारी हुई सीटों, मापदंडों, कितनी दफा जीत-हार हुई, वोट के अंतर पर मंथन किया गया है। कांग्रेस कार्यालय में नियुक्ति के बाद दोनों कमेटियों की पहली बार बैठक हुई जिसमें कैंपेन की रणनीति और चुनाव की प्लानिंग पर मंथन किया गया। यह मीटिंग करीब 3 घंटे तक चली। कांग्रेस की इन दो बैठकों में पूर्व नेता प्रतिपक्ष और विंध्य के दिग्गज नेता अजय सिंह को छोड़ चुनाव समिति के सभी सदस्य दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, तरुण भनोट, सज्जन सिंह वर्मा, सुरेश पचौरी शामिल हुए। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महासचिव रणदीप सुरजेवाला की अनुपस्थिति में एआईसीसी के दूत के रूप में सचिव अभिषेक दत्त बैठक में मौजूद रहे। अभिषेक दत्त मीटिंग की रिपोर्ट आलाकमान को सौंपेंगे। अभिषेक दत्त, नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला के करीबी है।

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