मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा हारी हुई सीटों पर प्रत्याशी चयन कर सूची जारी करने लगी है तो कांग्रेस अभी सीटों पर फैसले की स्थिति में नहीं पहुंच पाई है। भोपाल में भाजपा ने दो हारी सीटों पर नाम तय कर घोषणा कर दी है लेकिन एक हारी हुई भोपाल दक्षिण पश्चिम सीट पर प्रत्याशी तय करने में पार्टी हुजूर विधानसभा सीट पर मौजूदा विधायक रामेश्वर शर्मा को बदलने की कवायद में उलझती नजर आ रही है तो कांग्रेस भी भोपाल दक्षिण पश्चिम के मौजूदा विधायक पीसी शर्मा का टिकट बदलने की चर्चा में जोड़तोड़ कर रही है। पढ़िये जिले की विधानसभा सीटों के प्रत्याशी चयन में भाजपा-कांग्रेस की रणनीति पर एक रिपोर्ट।
भोपाल में विधानसभा की सात सीटें हैं जिनमें से बैरसिया अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। बैरसिया में पूरा क्षेत्र ग्रामीण है तो हुजूर शहरी व ग्रामीण आबादी का विधानसभा क्षेत्र है। सात सीटों में भाजपा ने दो भोपाल उत्तर और भोपाल मध्य के लिए अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। भोपाल उत्तर में बाबरी मस्जिद ढांचे को ढहाए जाने के बाद भाजपा 1993 में केवल एक बार ही जीती है तो भोपाल मध्य 2008 के बाद के परिसीमन में नई सीट बनी है और दो बार भाजपा और एक बार कांग्रेस यहां से जीते हैं। गोविंदपुरा विधानसभा सीट जनसंघ और भाजपा के कब्जे में ही रही है।
भोपाल-दक्षिण पश्चिम में प्रत्याशी तय नहीं कर दिए संकेत
भाजपा ने पिछले दिनों 39 हारी हुई विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी लेकिन इन हारी हुई सीटों में भोपाल की दक्षिण पश्चिम सीट भी थी जिस पर फिलहाल प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं किया गया है। लंबे समय से विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा रखे मनमसोस कर बैठे भगवानदास सबनानी के हुजूर सीट से प्रत्याशी बनने की चर्चा की वजह से भोपाल दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट पर भाजपा ने प्रत्याशी के नाम को रोक लिया है। कहा जा रहा है कि इस सीट पर मौजूदा हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा की शिफ्टिंग हो सकती है और हुजूर विधानसभा सीट पर भगवानदास सबनानी को उतारा जा सकता है। नरेला से भाजपा प्रत्याशी विश्वास सारंग का नाम 100 फीसदी तय है लेकिन बैरसिया विधानसभा सीट से विष्णु खत्री की टिकट काटे जाने की परिस्थितियां बनती नजर आ रही हैं। यहां महिला प्रत्याशी के रूप में मोहिनी का नाम चर्चा में आया है।
कांग्रेस के लिए भी दक्षिण पश्चिम व उत्तर पर उलझन
भोपाल की सात सीटों पर कांग्रेस किसी भी सीट पर एक नाम तय नहीं कर सकी है। आरिफ मसूद को पार्टी टिकट देगी लेकिन उनका टिकट भोपाल मध्य के बजाय भोपाल उत्तर से दिए जाने की चर्चा है। भोपाल उत्तर में आरिफ अकील स्वास्थ्य कारणों से चुनावी राजनीति से दूर रहेंगे और उनके परिवार में बेटे व भतीजे के बीच टिकट को लेकर खींचतान चल रही है। स्वतंत्रता दिवस के एक कार्यक्रम में ही अकील के परिवारजन के बीच मंच पर तलवारें खिंच गई थीं। हुजूर, नरेला, भोपाल दक्षिण पश्चिम में भी इसी तरह दावेदार नेताओं के बीच कशमकश का दौर चल रहा है। हुजूर में जीतेंद्र डागा, अवनीश भार्गव, मखमल मीणा जैसे नाम प्रमुख रूप से चर्चा में हैं तो नरेला में मनोज शुक्ला, डॉ. महेंद्र सिंह चौहान के बीच मुख्य दावेदारी की लड़ाई है। भोपाल दक्षिण पश्चिम में पीसी शर्मा के लिए संजीव सक्सेना की दावेदारी की चुनौती है। यहां से अमित शर्मा भी दावेदारी ठोंक रहे हैं। गोविंदपुरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के दावेदारों में कमजोर नाम बताए जा रहे हैं जिनमें रवींद्र साहू से लेकर जेपी धनोपिया, दीप्ति सिंह, आरजी पांडेय जैसे नाम हैं। बैरसिया में विनय मेहर काफी सक्रिय हैं।
भाजपा के लिए भोपाल उत्तर-भोपाल मध्य आसान सीटें बनीं
भोपाल जिले में भाजपा ने जिन दो सीटों भोपाल उत्तर और भोपाल मध्य के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है, ये दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों पर भाजपा के लिए रास्ता आसान होता नजर आ रहा है। भोपाल उत्तर में आलोक शर्मा के लिए मौजूदा विधायक आरिफ अकील की बीमारी और उनके पारिवारिक विवाद का लाभ मिलने की संभावना जताई जा रही है। वहीं, भोपाल मध्य में ध्रुवनारायण सिंह के लिए दूसरी बार विधानसभा के लिए जीत की संभावनाएं हैं। उनके भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद कांग्रेस के मौजूदा विधायक आरिफ मसूद के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनकी कट्टरवादी छवि का नुकसान इस चुनाव में मसूद को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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