मध्य प्रदेश में रहने वाले हर परिवार को छत देने का आज संकल्प लिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लालपरेड मैदान पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में सरकार के संकल्प का ऐलान किया और अपनी सरकारों के क्रांतिकारी फैसलों के बारे में विस्तार से बताया। सीएम ने अपनी सरकार की 2030 तक के लक्ष्य को भी गिनाया। पढ़िये रिपोर्ट।
लालपरेड मैदान पर आयोजन स्वतंत्रता दिवस परेड में आज सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सबसे पहले परेड का निरीक्षण किया। परेड का नेतृत्व इंदौर की सहायक पुलिस आयुक्त सोनीक्षी सक्सेना ने किया। इसके बाद सीएम चौहान ने प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए सरकार के कामों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अब प्रदेश के हर परिवार को छत देने का संकल्प ले रही है। इसके लिए भू अधिकार आवास योजना व मुख्यमंत्री जन आवास योजना लाई जा रही है। जिनके पास रहने को छत नहीं है उन्हें निःशुल्क पट्टे दिए जाएंगे। 22 लाख आवास प्लस बनने हैं लेकिन कई लोग अभी भी इससे वंचित रह गए हैं जिन्हें छत उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार की योजनाओं को क्रांतिकारी फैसले बताए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने कई योजनाएं लागू की हैं जो क्रांतिकारी फैसले साबित हुए हैं। महिला-पुरुए लिंगानुपात के अंतर को कम करने का बढ़ा काम किया है। इसमें लाड़ली लक्ष्मी योजना ने अच्छी भूमिका निभाई और पहले बेटियों को जन्म के पहले ही मार दिया जाता था। कोख कत्लखाने बन गए थे। लिंगानुपात 1000-912 था जो आज 1000-956 पहुंच गया है। घर में बहनों के लिए लाड़ली बहना योजना लागू की है। आदिवासियों के लिए पेसा एक्ट लागू कर दिया गया है। किसानों को पिछले सालों में दो लाख 70 हजार करोड़ रुपए डाले जा चुके हैं। नौजवानों के लिए सीखो कमाओ योजना लाई जा रही है। सीएम ने 2003-04 से तुलना की सीएम चौहान ने भाजपा सरकार के आने के पहले 2003-04 के शासन से पहले अपनी सरकारों की तुलना की। बताया कि बिजली तब 2900 मेगावाट उत्पादित होती थी आज 29 हजार मेगावाट उत्पादन हो रहा है। सिंचाई तब साढ़े सात लाख हेक्टेयर रकबे में होती थी और आज 47 लाख हेक्टेयर रकबा सिंचित है। तब अर्थव्यवस्था का आकार 71 हजार करोड़ था जो आज साढ़े 13 लाख करोड़ पहुंच गया है। तब प्रति व्यक्ति आय 12 हजार रुपए थे और आज एक लाख 40 हजार हो गई है। विकास दर उस समय दशमलव एक थी और आज 16 फीसदी तक पहुंच चुकी है। कृषि और औद्योगिक विकास दर तब ऋणात्मक हुआ करती थी जो आज क्रमशः 18 व 24 प्रतिशत है। उस समय सड़कें खस्ता हालत में थीं लेकिन आज एक्स-वे बन रहे हैं। पांच लाख किलोमीटर की सड़कें उनकी सरकारों ने बनाई हैं। चौहान ने कहा कि तब और आज के मध्य प्रदेश में जमीन-आसमान का अंतर आ गया है। मध्य प्रदेश बीमारू राज्य से आज समृद्ध, विकसित और आत्मनिर्भर राज्य बन गया है। आजादी के समय व पूर्व की केंद्र सरकारों की गलतियां गिनाईं मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के भाषण में आजादी के समय और उसके बाद की केंद्र सरकारों की गलतियों को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि आजादी मिली लेकिन अखंड भारत नहीं मिला। कश्मीर के लिए युद्ध चल रहा था लेकिन तब की सरकारों ने उसे रोक दिया। वहां 370 का ऐसा कानून लगा दिया जिससे एक देश दो विधान हो गया। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार में आते ही हटा कर एक देश एक कानून बना दिया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए सीएम चौहान ने कहा कि उनके नेतृत्व से देश की सीमाएं सुरक्षित हैं और पड़़ोसी देशों को साफ संदेश है कि हम किसी को छेड़ेंगे नहीं लेकिन जो हमारी सीमा की तरफ देखेगा उसे छोड़ेंगी भी नहीं।
मध्य प्रदेश सरकार के लक्ष्यः
2030 तक 45 लाख करोड़ तक की अर्थ व्यवस्था
1.30 गरीबी से निकाला है और एक करोड़ से ज्यादा को गरीबी से ऊपर ले जाएंगे।
1.40 लाख से 2.80 लाख प्रति व्यक्ति
साढ़े सात करोड़ मीट्रिक टन से बढ़ाकर दस मीट्रिक टन किया जाएगा.
हर खेत पहुचाने के लिए सिंचाई क्षमता 65 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाया जाएगा।
किसानों को बिजली देने के लिए कमी नहीं आने दी जाएगी।
बिजली क्षमता 29 हजार को बढ़ाकर 38 हजार मेगावाट तक ले जाने का लक्ष्य है।
लर एनर्जी को बढ़ावा दिया जा रहा है।
एक लाख किलोमीटर नई सड़कें बनाएंगे
सभी जिला मुख्यालयों को फोरलेन सड़कों से जोड़ा जाएगा।
नगरीय निकाय को भी टू लेन सड़कों से जोड़ा जाएगा।
मेडिकल कॉलेज बढ़ाएंगे व हर मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज खोला जाएगा
हर विकास खंड में 20 बिस्तरों का अस्पताल की सुविधा दी जाएगी।
मातृ मृत्युदर व शिशु मृत्युदर भी घटाया जाएगा। कुपोषण के कंलक को दूर किया जाएगा।
छह हजार सीएम राइज स्कूल का संचालन सरकार करेगी।
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी पूरी की जाएगी।
45 हजार आंगनबाड़ियों को प्रायमरी स्कूल में विकसित किया जाएगा।
हर जिले में एक कॉलेज उत्कृष्ट कॉलेज बनाएंगे।
हर महिला की आमदनी दस हजार रुपए करने का लक्ष्य। आजीविका मिशन के माध्यम से यह काम किया जा रहा है।
200 करोड़ की लागत से एनपीओ गठि किया जाएगा।
284 करोड़ से उज्जैन में मॉल बनेगा जिसमें हस्तकला व हस्तशिल्प के उत्पादों को रखा जाएगा।
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