बैतूल में अवैध कटाई में जिस बीट गार्ड को लिप्त पाया गया था, उसे 15 अगस्त को कलेक्टर के हाथों सम्मानित कराया जा रहा है। बीट गार्ड को राजस्थान के लकड़ी माफिया के माध्यम से सागौन की अवैध कटाई कराने के बाद ठूंठों को नष्ट करते हुए सीसीएफ द्वारा भेजे गए उड़नदस्ते ने पकड़ा था लेकिन उस समय भी उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हुए दूसरे बीट के गार्ड को निलंबित कर दिया गया था। अब उसे स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित किए जाने से वनकर्मियों में नाराजगी देखी जा रही है। पढ़िए वरिष्ठ पत्रकार गणेश पांडेय की रिपोर्ट।
बैतूल सर्किल में अवैध कटाई ओर ठूंठों को रफादफा करने वाले बीट गार्ड को निलंबित करने की बजाय दक्षिण वन मण्डल की ताप्ती रेंज की महुपानी बीट में दस अप्रैल को कक्ष क्रमांक 846 में 22 सागौन के पेड़ों को हरदा जिले कि गोकुल बिश्नोई की टीम ने एक ही रात में सागौन की अवैध कटाई कर राजस्थान भेज दिया था. इस पूरे मामले में प्रथम द्रष्टया विजय पिपरदे को दोषी पाया गया. अवैध कटाई की सूचना बैतूल वन वृत्त के मुखिया सीसीएफ प्रफुल्ल फुलझेले को मिली थी. उन्होंने तुरंत ही प्रशिक्षु आईएफएस ओर प्रभारी रेन्जर पूनम नागले को तलब कर अपने उड़नदस्ते को मौका जांच के लिए भेज दिया था. सीसीएफ फुलझेले मौके पर पहुंचते उसके पहले ही बीट गार्ड विजय पिपरदे को उड़नदस्ता टीम ने सागौन पेड़ो के ठूंठों को रफ दफा करते पकड़ लिया था. लेकिन विजय पिपरदे की जगह गौनी घाट के बीट गार्ड देवेंद्र सिंह ठाकुर को दोषी मानते हुए 2 मई को निलंबित कर दिया. हालांकि सीसीएफ प्रफुल्ल फुलझेले ने इस मामले की जांच और सूचना संकलन कर राजस्थान से अवैध सागौन जब्त करने के लिए टीम बनाई और टीम ने राजस्थान जा कर लकड़ी जब्त कर लाने में सफलता भी पाई. इस तरह से सम्मानित किए जाने पर कर्मचारियों में जंहा गुस्सा दिखाई दे रहा है. वहीं कर्मचारी इसे जातिगत समीकरण से भी जोड़ कर देख रहे है.
प्रभारी रेंजर ने की थी सम्मानित करने की सिफारिश
बीट गार्ड विजय पिपरदे के सम्मान को लेकर दक्षिण वन मण्डल के डीएफओ विज्यान्नतम टी आर ने बताया कि विजय की बीट में अवैध कटाई हुई थी यह सत्य है. लेकिन विजय ने ही सूचना संकलन कर अवैध सागौन की जब्ती करवाई है. इसलिए प्रभारी रेन्जर पूनम नागले ने विजय पिपरदे का नाम कलेक्टर के हाथों सम्मानित होने के लिए अनुशंसा की है. रेंजर की सिफारिश पर मैंने सीसीएफ के सामने बढ़ाया है.
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