अर्जुन सिंह के बेटे-बेटी के मतभेदों को जानते-बूझते PCC भेज रही वीणा सिंह का आमंत्रण, सिंधिया जैसा अजय सिंह से व्यवहार

मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र में विधानसभा की 30 सीटें हैं जिन पर जीत से कांग्रेस की सरकारें बनती रहीं। अर्जुनसिंह-श्रीनिवास तिवारी के निधन के बाद यहां अजय सिंह ने अर्जुनसिंह की राजनीतिक विरासत संभाली मगर पिछले पांच साल में उनका कद किसी न किसी बहाने छोटा करने के प्रयास हुए और अब सिंह परिवार की संतानों के बीच की दूरियां को एक तरह से प्रदेश कांग्रेस कमेटी इस्तेमाल कर रहा है। अर्जुन सिंह की मां द्वारा उपयोग की जाने वाली बघेलीखंडी कहावत-मुहावरों की किताब का लोकार्पण कार्यक्रम हो रहा है जिसमें उनकी बेटी आयोजक हैं लेकिन बेटों का नाम तक आमंत्रण में नहीं है और आमंत्रण पीसीसी द्वारा बांटे जा रहे हैं। इससे ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसा अजय सिंह के साथ व्यवहार होता नजर आ रहा है और यह कांग्रेस के लिए विधानसभा चुनाव में नुकसानदायक साबित नहीं हो जाए। पढ़िये रिपोर्ट।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की पत्नी सरोज कुमारी देवी को श्रद्धांजलि देने के लिए 12 अगस्त को एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम अर्जुन सिंह सद्भावना फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया जा रहा है और अर्जुनसिंह की बेटी वीणा सिंह-साले विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह आयोजन की प्रमुख भूमिका में हैं। अर्जुन सिंह के परिवार में उनके बेटे अजय सिंह के वीणा सिंह-राजेंद्र सिंह से अबोलापन है जबकि अजय सिंह, अर्जुन सिंह की राजनीतिक विरासत संभाले हुए हैं। मां की श्रद्धांजलि के आयोजन के आमंत्रण में अजय सिंह या उनके दूसरे भाई का नाम का जिक्र तक नहीं होने से यह चर्चा फिर छिड़ गई है कि परिवार में भाई-बहन की दूरियां आज भी बरकरार है। इस पारिवारिक मसले को नजरअंदाज कर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आयोजन की कमान अपने हाथ में लेकर अजय सिंह के कद को कुछ सालों की तरह फिर ठेस पहुंचाने की कोशिश की है।
विंध्य से कमलेश्वर पटेल की जीत के बाद उन्हें सरकार-संगठन में महत्व
विंध्य में 2018 के पहले तक अजय सिंह का एक तरह से दबदबा था लेकिन इसके बाद परिस्थितियां बदलीं और उनके चुनाव हारने के बाद कांग्रेस में ही उन्हें अलग-थलग करने के गाहे-ब-गाहे प्रयास होने लगे। 2018 में अजय सिंह और उनके मामा राजेंद्र सिंह दोनों की हार के बाद वहां के एकमात्र बड़े नेता कमलेश्वर पटेल विधायक बने और सरकार में मंत्री बना दिए गए। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कई बार ऐसी परिस्थितियां बनीं जब अजय सिंह को नजरअंदाज करके बैठकों-आयोजनों से दूर रखने का प्रयास हुआ।

कार्यक्रम के आयोजन में पीसीसी खुलकर सामने आई
अर्जुन सिंह के पारिवारिक मतभेदों को जानते हुए भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी आयोजन के आमंत्रण के लिए खुलकर सामने आ गई है। पीसीसी के संगठन प्रभारी महामंत्री राजीव सिंह की मौजूदगी में पत्रकार वार्ता हुई और फिर आयोजन के आमंत्रण पीसीसी की तरफ से भेजे जा रहे हैं।

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