भोपाल गांधी मेडिकल कॉलेज में पीजी स्टूडेंट सरस्वती के सुसाइड करने के बाद अब उसके साथी छात्र-छात्राएं आंदोलन कर रही हैं। आंदोलन के दौरान मीडिया को कुछ छात्राओं ने खुलकर बोला कि 36-40 घंटे काम करने के बाद भी सीनियर्स व कंसलटेंट उन्हें कामचोर बोलते हैं। अपमानित करते हैं। पढ़िए रिपोर्ट।
भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर्स अपनी साथी पीजी स्टूडेंट सरस्वती के सुसाइड कर लेने के बाद आज से हड़ताल पर चले गए हैं। इन जूनियर डॉक्टर्स का आरोप है कि वे 36 से 40 घंटे तक लगातार काम करते हैं लेकिन इसके बाद भी उन्हें सीनियर्स और कंसलटेंट द्वारा अपमानित किया जाता है। छोटी-मोटी गलती पर हर किसी के सामने अपमानित किया जाता है। उनके लिए कामचोर जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है।
मानव अधिकार आयोग ने डीन से मांगा एक महीने में जवाब
सरस्वती की सुसाइड के बाद जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को लेकर राज्य मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। इसमें कंसलटेंट और सीनियर्स के व्यवहार, वर्कलोड, मानसिक तनाव की बातें सामने आई हैं जिसकी वजह से सरस्वती की आत्महत्या की घटना हुई। आयोग का कहना है कि उसके संज्ञान में लाया गया है कि सरस्वती की थीसिस पर साइन करने के लिए सीनियर्स ने अबॉर्शन का दबाव बनाया था जिससे वह काफी तनाव में थे। आयोग ने मेडिकल कॉलेज के डीन से एक महीने में जांच कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
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