आदिवासियों को लेकर भाजपा के प्रयासों का काउंटर करते हुए कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव समिति की कमान आदिवासी चेहरे को सौंप दी है। वरिष्ठ विधायक कांतिलाल भूरिया को यह जिम्मेदारी सौंपते हुए उन्हें 32 नेताओं और युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई, सेवादल, एसटी, एससी, ओबीसी व अल्पसंख्यक विभागों के अध्यक्षों की टीम दी है। कांतिलाल भूरिया कांग्रेस के तीनों बड़े नेताओं के बीच मान्य नेता भी समझे जाते हैं। वहीं, आज कांग्रेस ने चुनाव समिति का ऐलान कर दिया जो पीसीसी चीफ कमलनाथ की अध्यक्षता में काम करेगी और इसमें 19 नेता व फ्रंटल आर्गेनाइजेशन व विभागों के अध्यक्ष होंगे। पढ़िये क्या है कांग्रेस का गणित।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा के पहले भाजपा और कांग्रेस अपने नेताओं की टीमों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपकर उन्हें मैदान में जमावट करने की तैयारी के लिए मौका देना चाहती हैं। भाजपा की चुनाव प्रबंधन समिति का मुकाबला कांग्रेस अपनी चुनाव अभियान समिति के माध्यम से करेगी। कांग्रेस ने इस बार आदिवासी चेहरे के रूप में विधायक कांतिलाल भूरिया को समिति की कमान सौंपी है जिसके पीछे भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार द्वारा आदिवासियों के लिए किए गए सरकारी प्रयासों का काउंटर बताया जा रहा है।
चुनाव अभियान समिति में असंतुलन
चुनाव अभियान समिति के 32 सदस्यों में ब्राह्मण और राजपूतों का करीब 40 फीसदी प्रतिनिधित्व दिया गया है। ब्राह्मण को सात और सात राजपूतों को समिति में शामिल किया गया है। वहीं, 36 फीसदी से ज्यादा अनुसूचित जाति-जनजाति आबादी को कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति में 25 फीसदी प्रतिनिधित्व दिया गया है। दोनों वर्गों के चार-चार नेताओं को समिति में लिया गया है। मगर ओबीसी के नौ नेताओं को समिति में लेकर उनका समिति में सही संतुलन बनाने की कोशिश की गई है। इसी तरह अल्प संख्यक के नाम पर अकेले भोपाल के विधायक आरिफ मसूद को लिया गया है जबकि वरिष्ठ विधायक आरिफ अकील को बाहर रखा गया है। निमाड़-मालवा जैसे क्षेत्रों के अल्प संख्यक बहुल जिलों के मुस्लिम नेताओं को समिति से दूर रखा गया है।
कांग्रेस के तीनों नेताओं के मान्य नेता भूरिया चुनाव अभियान समिति की कमान कांतिलाल भूरिया को सौंपे जाने के पीछे हाईकमान का नजरिया यह माना जा रहा है कि वे प्रदेश के तीनों बड़े नेताओं पीसीसी चीफ कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के बीच मान्य नेता भी है। भूरिया के साथ पूर्व पुलिस अधिकारी और कमलनाथ के प्रमुख सलाहकार प्रवीण कक्कड़ ने काम किया हुआ है और यह कहा जा रहा है कि उनका नाम कक्कड़ के सुझाए जाने पर आगे आया।
भूरिया की टीम में 32 नेता व फ्रंटल आर्गेनाइजेशन -विभाग प्रमुख चुनाव अभियान समिति में भूरिया की टीम में पीसीसी चीफ कमलनाथ, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, अजय सिंह राहुल, विवेक तन्खा, राजमणि पटेल, नकुल नाथ, सज्जन सिंह वर्मा, एनपी प्रजापति, केपी सिंह, लक्ष्मण सिंह, बाला बच्चन, तरुण भनोत, ओमकार मरकाम, विजयलक्ष्मी साधौ, राजेंद्र सिंह, हिना कांवरे, लाखन सिंह यादव, सुखदेव पांसे, जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल, सुरेंद्र सिंह बघेल हनी, रामनिवास रावत, सुरेंद्र चौधरी, आरिफ मसूद, महेंद्र जोशी, शोभा ओझा, अशोक सिंह, राजीव सिंह के नाम हैं।
चुनाव समिति में 19 सदस्य व फ्रंटल आर्गेनाइजेशन अध्यक्ष कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए पीसीसी चीफ कमलनाथ के नेतृत्व में 19 सदस्यों तथा फ्रंटल आर्गेनाइजेशन अध्यक्षों की चुनाव समिति भी बना दी है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया अरुण यादव, अजय सिंह राहुल, विवेक तन्खा, राजमणि पटेल, नकुल नाथ, सज्जन सिंह वर्मा, विजयलक्ष्मी साधौ, तरुण भनोत, ओमकार मरकाम, सुखदेव पांसे, बाला बच्चन, जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल व आरिफ मसूद को इसमें शामिल किया गया है।
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