भोपाल नगर निगम के दो मामले सामने आए हैं जिससे निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। 21 साल पहले नल कनेक्शन कटवा दिए जाने के बाद आज उसकी 21 साल की 41 हजार की रिकवरी राशि की डिमांड और दूसरा तहबाजारी समाप्त कर दिए जाने के बाद भी लंबे समय से महाराणा प्रताप नगर में पार्किंग शुल्क और तहबाजारी की वसूली के प्रमाण लोग पेश कर रहे हैं जबकि निगम की राजस्व शाखा के अमले को अपने क्षेत्र की गतिविधियों की जानकारी होना चाहिए। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश की राजधानी की नगर निगम का रिकॉर्ड मैनटेनेंस भगवान भरोसे है। इसका अंदाज इससे लगाया जा सकता है कि नए भोपाल शहर के एक व्यक्ति अरविंद पाटिल ने करीब 21 साल पहले अपने घर के नल कनेक्शन को कटवाने के लिए आवेदन दिया था। उसकी बाकायदा पाटिल ने रसीद भी कटवाई थी लेकिन नगर निगम रसीद की सत्यता पर ही सवाल खड़े कर रहा है। उसने अब 21 साल पाटिल को नल कनेक्शन की 41 हजार रुपए की रिकवरी निकाल दी है। यह मामला मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग की जानकारी में आया तो भोपाल नगर निगम के अफसरों को मामले में जांच करने के आदेश जारी हुए हैं।
तहबाजारी-पार्किंग की अवैध वसूली
शहर में तहबाजारी को समाप्त कर दिए जाने के बाद भी महाराणा प्रताप नगर जैसे इलाके में हजारों वाहनों से पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली हो रही है तो गरीब व्यवसायियों से तहबाजारी की राशि ली जा रही है। इसकी बाकायदा महाराणा प्रताप नगर पुलिस थाना नगर निगम के अधिकारी ने लिखित शिकायत भी की है।
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