वोटों की खरीदी का नया रास्ता, शिवराज-कमलनाथ के मुफ्तखोरी की घोषणाओं के लॉलीपॉप

वोट की खरीद-फरोख्त के लिए नोट, साड़ी, शराब, मुर्गा और तोहफे बांटने के तरीके अब पुराने हो गए हैं जो चुनाव की आदर्श आचार संहिता के दायरे में ला दिए गए हैं लेकिन नेताओं ने अब वोटों को खरीदने का नया रास्ता अपना लिया है। सरकारें चुनाव के ठीक पहले योजनाओं व सुविधाओं के माध्यम से वोटरों को अपने पक्ष में करने लगी हैं तो विपक्ष अपने वचन पत्रों में ऐसे वादे करने लगे हैं जिनसे वोटरों को वह मुफ्तखोरी की लुभावनी बातें करता है। पढ़िये वोटरों की खरीदी के क्या नए रास्ते अपनाए जा रहे हैं, उस पर एक रिपोर्ट।

निर्वाचन आयोग चुनाव के समय और उसके अलावा फिर अदालत जनहित याचिका के माध्यम से हस्तक्षेप करती है लेकिन इसके बाद भी सरकारों की मुफ्तखोरी की योजनाओं व विपक्ष के मुफ्तखोरी के वादों को लेकर राजनीतिक दलों का रवैया दिन ब दिन लचीला होता जा रहा है। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव आ रहे हैं तो इन दिनों प्रदेश की शिवराज सरकार मुफ्तखोरी की योजनाओं और काम के बदले मिलने वाली तनख्वाह-सुविधाओं को बेहिसाब बढ़ाती जा रही है तो वहीं विपक्ष भी इस प्रतिस्पर्धा में अपने आपको पीछे नहीं छोड़ रहा है और उसने मुफ्तखोरी के वादों व वेतन-सुविधाओं का पिटारा खोल रखा है।
प्रदेश सरकार की घोषणाएं जानें
कहा जाता है कि मध्य प्रदेश में व्यक्ति के जन्म से लेकर उसके मरने तक के लिए मुफ्त या रियायती या सुविधाओं की योजनाएं उपलब्ध हैं। विधानसभा चुनाव की आहट पर सरकार ने 50 फीसदी वोट बैंक को प्रभावित करने के लिए लाड़ली बहना योजना लाई जिसमें 1000 रुपए हर महीने देने का ऐलान किया। विपक्ष द्वारा इस योजना का काउंटर किए जाने पर 1000 रुपए की राशि को सरकार ने 3000 तक करने का ऐलान कर दिया है। वृद्धावस्था में बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन यात्रा कराने के बाद हाल ही में हवाई जहाज से तीर्थ दर्शन यात्रा कराने का ऐलान हुआ है। फिर सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने महंगाई भत्ते की पुरानी मांग देने का ऐलान किया तो संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की वेतन व सुविधाएं देने के आदेश जारी कर दिए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए भी चुनाव पूर्व वेतनवृद्धि करके लुभाने की कोशिश की गई। ग्रामीण क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों पंच, सरपंच, जनपद व जिला पंचायत सदस्यों के मानदेय को बढ़ाया तो ग्राम रोजगार सहायकों को मिलने वाले मानदेय को दोगुना कर दिया। किसान के कर्ज पर लगने वाले ब्याज को माफ करने के साथ अब बिजली के बिलों का आर्थिक भार करने के लिए भी स्कीमें लाई जा रही हैं तो घरेलू गैस सिलेंडर की केंद्र की सब्सिडी समाप्त हो जाने के बाद सालों से वसूले जा रहे 1108 रुपए को अब 500 रुपए करने की योजना बनाई जा रही है। बेघर लोगों को सरकार रहने के लिए अब तक प्रधानमंत्री आवास में कुछ राशि वसूल रही थी लेकिन प्रदेश सरकार उन्हें मुफ्त में पट्टे देने की तैयारी कर रही है।
विपक्ष के मुफ्तखोरी के वादे
20 साल में से 18 साल से ज्यादा समय से सत्ता में रहने वाली भाजपा की सरकार में बने रहने की कोशिशों को ध्वस्त करने के लिए उपरोक्त मुफ्तखोरी या सुविधाओं की योजनाओं का काउंटर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस भी वैसे ही कर रहा है। कांग्रेस ने 50 फीसदी वोट को साधने के लिए नारी सम्मान योजना का ऐलान किया जिसमें 1500 रुपए हर महीने पात्र महिलाओं को देने का वादा किया। हालांकि भाजपा ने सरकार में होने का फायदा उठाते हुए कांग्रेस के इस वादे पर आरी चलाते हुए महिलाओं को 3000 रुपए का प्रलोभन दे दिया है। कांग्रेस ने दूसरा मुफ्तखोरी की लुभावनी योजना घरेलू गैस सिलेंडर को 500 रुपए में देने का वादा कर रखा है जिसे भाजपा की शिवराज सरकार अगले महीने सिरे से समाप्त करने की रणनीति बनाने में जुटी है। कांग्रेस ने किसानों की कर्ज माफी का अपना 2018 का पुराना वादा फिर 2023 में कर रखा है जिसके लिए चरण दो, तीन, चार और जरूरत पड़ने पर पांचवें चरण तक इसे लागू करने का प्लान बनाया है। किसानों के वोट को रिझाने के लिए कांग्रेस ने अब पुराना बिजली बिल माफ व मुफ्त बिजली का रास्ता साफ का नारा दे दिया है। वहीं, सामान्य बिजली उपभोक्ताओं को भी कांग्रेस ने 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली व 200 यूनिट तक आधा बिजली का बिल माफ करने का वादा भी कर रखा है।

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