मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रियंका गांधी मध्य का सवा महीने में दूसरी बार आज आ रही हैं और उनके इन दो दौरों से कांग्रेस चार करोड़ महिलाओं को अपने से जोड़ने की रणनीति पर चलती दिखाई दे रही है। मगर आज ग्वालियर का दौरा महिला टारगेट के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हैं जिन्हें कभी प्रियंका दूसरे भाई जैसा मानती थीं और वहां उन्हें अब उनके खिलाफ हुंकार भरते हुए कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं में जोश का संचार करना है। पढ़िये इस पर केंद्रित यह रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की आज ग्वालियर में प्रियंका गांधी की सभा ज्योतिरादित्य सिंधिया के गृह नगर में बड़ी चुनौती है क्योंकि यहां पिछले दिनों आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष व दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल व पंजाब के सीएम भगवंत मान की सभा भी हो चुकी है। कांग्रेस के सामने दो चुनौतियां हैं, पहली केजरीवाल की सभा से उसकी तुलना होगी और दूसरी सिंधिया के गृह नगर में कांग्रेस बिना उनके भी उतनी ही प्रभावी है। प्रियंका की जबलपुर में नर्मदा पूजन और सभा को लेकर यह भी कहा गया कि वह कांग्रेस के चुनावी शंखनाद जैसा असर दिखाने में कामयाब नहीं रही।
प्रियंका की सिंधिया के खिलाफ गृह नगर में पहली हुंकार
प्रियंका गांधी एक समय अपने साथ कंधे से कंधा मिलाकर उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2017 व लोकसभा चुनाव 2019 में मैदान में रहे सिंधिया के गृह नगर में पहली बार उनके खिलाफ प्रचार करने जा रही हैं। सिंधिया जब तक कांग्रेस में रहे, तब तक उनका प्रियंका के साथ राहुल गांधी भाई जैसा ही रिश्ता दिखाई देता रहा और अब उनके ही खिलाफ उनके ही गृह नगर में बोलना प्रियंका के लिए बड़ी चुनौती है।
प्रियंका का सवा महीने में दूसरा एमपी दौरा
यहां लगता है कि कांग्रेस इस बार प्रियंका गांधी को मध्य प्रदेश में ज्यादा घूमना चाहती है क्योंकि शिवराज सरकार की लाड़ली लक्ष्मी योजना के बाद लाड़ली बहना योजना का प्रभाव ज्यादा दिखाई दे रहा है। कांग्रेस की प्रियंका के माध्यम से मध्य प्रदेश की महिलाओं के मन में उनसे संबंधी योजनाओं का भरोसा पाने की कोशिश है। नारी सम्मान योजना और घरेलू गैस सिलेंडर 500 रुपए में देने के वादे को प्रियंका के मुंह से कहलवाकर कांग्रेस आमजन के घर के भीतर प्रवेश करना चाह रही है।
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