मध्य प्रदेश के विदिशा जिले की सिरोंज तहसील के पथरिया गांव में एक बोरबेल के छेद में दो साल की मासूम बच्ची गिर गई। उसे निकालने के लिए सुबह से जिला प्रशासन और पुलिस की टीम लगी है लेकिन शाम होने तक बच्ची तक पहुंचने का रास्ता नहीं बन पाया था। सुबह से शाम तक आसपास खुदाई कर बाहर निकाला, मगर जान नहीं बची।
विदिशा जिले के पथरिया में दो साल की अस्मिता इंदर सिंह अहिरवार की बेटी है जिसकी झुग्गी के सामने ही बोरवेल का 20 फीट का गड्डा था। अस्मिता की मां करिश्मा का बेटी के गड्ढे में गिरने के बाद रो-रोकर बुरा हाल है। बारिश की वजह से जेसीबी मशीन से खुदाई के काम में मुश्किलें आ रही हैं और खुदाई के दौरान पानी रिस-रिसकर गड्ढे में भरने से काम करने में दिक्कत हो रही थी। शाम को बच्ची को बाहर निकालने में लगी टीम को सफलता मिली और बच्ची को बाहर निकाल लिया गया। सुबह से शाम तक आसपास खुदाई कर बाहर निकाला, मगर जान नहीं बची।
गौरतलब है कि बोरवेल के गड्ढों में बच्चों के गिरने की घटनाएं आए दिन होती रहती हैं और हर बार जिला कलेक्टरों द्वारा आदेश जारी किए जाते हैं। कलेक्टरों के आदेशों के पालन का मॉनीटरिंग सिस्टम नहीं होने से आए दिन किसी न किसी जिले में ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। राजस्व विभाग के निचले स्टाफ राजस्व निरीक्षक, पटवारी, कोटवार और नगर निगम या नगर पालिका या नगर परिषद या नगर पंचायतों की राजस्व शाखाओं का अमला भी इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अपने क्षेत्र की जानकारियां नहीं रखता है।
Leave a Reply