MP की पहली महिला CS निर्मला बुच नहीं रहीं, रिटायर हुईं पर काम नहीं छोड़ा

मध्य प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव निर्मला बुच का आज निधन हो गया। वे 87 साल की थीं और उन्होंने करीब दो साल प्रदेश के मुख्य सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं। उनके पति महेश नीलकंठ बुच भी आईएएस थे और उनका भी कुछ साल पहले ही निधन हुआ है।

निर्मला बुच 1960 में आईएएस ज्वाइन किया था और इसके बाद वे मध्य प्रदेश कैडर में आईं और 1991 से1993 के बीच मुख्य सचिव रहीं। सेवाकाल में उन्होंने मध्य प्रदेश सहित केंद्र सरकार व विभिन्न राज्यों में कई पदों पर सेवाएं दीं। बुच ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र और अंग्रेजी साहित्य में 1955 में स्नातक की डिग्री ली थी। इसके बाद 1957 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से ही अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर की डिग्री ली और फिर 1957 व 1959 में उन्होंने फ्रेंच और जर्मन भाषाओं में दो साल के डिप्लोमा कोर्स किए।

बुच सरकारी से सेवा रिटायर हुईं मगर काम नहीं करती रहीं
बुच रिटायर होने के बाद भी कभी काम से थकी नजर नहीं आईं। उन्होंने अपने रिटायरमेंट के बाद भी काम को कभी नहीं छोड़ा और वे किसी न किसी काम में खुद को व्यस्तत रखती रहीं। उनकी सेवाएं भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार ने भी खूब लीं। उनके अनुभव का रिटायरमेंट के बाद जो लाभ सरकारों ने उठाया, वह कहीं न कहीं सरकारी योजनाओं में परिलक्षित भी होता है।

प्रमुख कार्य जो बुच ने किए

  1. संविधान संशोधन 1996 के बाद मध्य प्रदेश में पंचायतीराज पर अध्ययन।
  2. 1997 में शहरी क्षेत्रों में बाल मजदूरों के सामाजिक-आर्थिक अध्ययन और सर्वे।
  3. अंतर्राष्ट्रीय विकास संगठन हिवोस के लिए भारत में कालाहांडी, नयापाडा व पश्चिम उड़ीसा के बोलंगिर के सूखे की स्थिति पर काम किया।
  4. महिलाओं के माइक्रो फायनेंस के लिए काम करने वाली केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की राष्ट्रीय महिला कोष के लिए मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में काम किया।
  5. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ मिलकर मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में पंचायतों मे ंमहिलाओं के अनुभवों पर अध्ययन किया।
  6. मध्य प्रदेश की महिला नीति बनाने में भूमिका निभाई।
  7. मध्य प्रदेश, हरियाणा, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान में पंचायतों में दो बच्चों के प्रावधान के प्रभावों पर अध्ययन किया।
  8. खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के सहायक प्रोग्रामों के लिए आंध्रप्रदेश में महिलाओं द्वारा सूखी खेती, उड़ीसा में महिलाओं के लिए प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन-मजबूतीकरण और उत्तर प्रदेश में महिला किसानों को खाद्य सुरक्षा में सशक्त भूमिका के लिए काम किया।
  9. मध्य प्रदेश में फोर्ड फाउंडेशन के सहयोग से विकेंद्रीयकरण और गुड गर्वनेंस के प्रभावों पर काम किया।
  10. मध्य प्रदेश सरकार के लिए नरेगा को लेकर काम किया।
    Nirmala Buch

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