सीएम शिवराज ने कहा- मन-आत्मा के सुख का भाव परोपकार-सेवा की देता है प्रेरणा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जी-20 सिविल सेवा समिट के समापन में कहा कि मन और आत्मा के सुख को पाने का भाव ही परोपकार और सेवा के लिए प्रेरणा देता है। आत्मा के सुख के लिए व्यक्ति सेवा कार्य करता है। अपराध करने वाले व्यक्ति में दया का भाव मौजूद रहता है।

चौहान ने कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में समिट में संबोधन में कहा कि भारतीय समाज के मूल भाव में ही सेवा का भाव समाहित है। सेवा और साधना से मनुष्य का योगदान दिखाई देता है। हमारे यहां जन्म से ही सेवा की बातें बताई जाती हैं। इसलिए मनुष्यों के साथ पशु-पक्षियों व पर्यावरण की रक्षा के लिए सजग रहते हैं। चौहान ने कहा कि पेड़ लगाना आचरण में शामिल किया जाना चाहिए न कि भाषण तक सीमित रहे।
सहस्त्रबुद्धे ने कहा सीएम चौहान मूलतः सेवा योगी
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान मूलतः सेवा योगी है। दो दशक से प्रदेश की सेवा करते हुए जनता के साथ अपनत्व का रिश्ता बनाया है। जनता को अपने साथ जोड़ते हैं इसलिए प्रदेश के मामा कहलाते हैं। सेवा करना हमारी संस्कृतिव का अभिन्न हिस्सा रहा है।
उत्कृष्ट कार्य करने वाले सेवा योगी सम्मानित
चौहान ने सेवा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 16 सेवा योगियों को शाल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इन सेवा योगियों में डॉ. अंबर पारे, जीशान निज़, प्रमांशु शुक्ला, मोहन सोनी, सैयद शाहिद मीर, मनीष भावसार, सुनीता भुविस्टाले, शिवराज ख़ुशवा, पद्मश्री उमाशंकर पांडे, पूनम चंद गुप्ता, पराग दीवान, जयराम मीना, रीतेश क्षोत्रिय, विनोद तिवारी, डॉ. सपन कुमार (पत्रलेख) और सुश्री दीप माला पांडे शामिल हैं।
सिविल 20 सेवा वर्किंग ग्रुप की अनुशंसाएं
सिविल सम्मेलन के दो दिवसीय मंथन में सेवा वर्किंग ग्रुप की सेवा पॉलिसी, नवाचार और बेस्ट प्रैक्टिसेज पर चर्चा हुई और सात अनुशंसाएं प्रस्तुत की गईं।

  1. राष्ट्रों के बीच क्रॉस-कंट्री लर्निंग, सहयोग और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए जी 20 देशों से अनुकरणीय सेवा प्रथाओं का संकलन करना।
  2. सेवा वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन को बढ़ावा देने वाले नागरिक समाजों/स्वैच्छिक संगठनों का एक वैश्विक नेटवर्क स्थापित करना ताकि विश्व स्तर पर सामाजिक कार्यों को आगे बढ़ाया जा सके।
  3. सरकार द्वारा सामाजिक कार्यों में बड़े पैमाने पर भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य स्तरीय सेवा अभियान का आयोजन करना।
  4. सार्थक जीवन को बढ़ावा देने के लिए एक नीति / मॉड्यूल विकसित करना और सेवा को स्वयंसेवा और परोपकार जैसी निस्वार्थ सेवा के लिए एक समावेशी शब्द के रूप में स्थापित करना।
  5. सेवा का सभी परियोजनाओं और कार्यक्रमों के लिए एक विकास उपकरण के रूप में कार्य करना, इस तरह संगठनों और व्यक्तियों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करना। इसका उद्देश्य विश्व स्तर पर सेवा की सुविधा के लिए व्यक्तियों और सीएसओ का एक वैश्विक गठबंधन स्थापित करना भी है।
  6. में सिद्धांत और व्यवहार के बीच की खाई को पाटने और स्वयंसेवी गतिविधियों में बच्चों और युवाओं को शामिल करने के लिए अकादमिक पाठ्यक्रमों में सेवा मॉड्यूल की शुरुआत करना।
  7. राष्ट्र-निर्माण के लिए बुजुर्गों और सेवानिवृत्त लोगों के कौशल और ज्ञान का उपयोग करके, बुजुर्ग आबादी के लिए एक मजबूत समर्थन प्रणाली स्थापित करना शामिल है।

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