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कांग्रेस में CM फेस पर अपने ही भिड़े, सूत न कपास, जुलाहों में लट्ठम-लट्ठ

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर कांग्रेस में दो वरिष्ठ नेता ऐसे भिड़ गए कि मानो दोनों विरोधी दलों के नेता हों। एक ने सीएम फेस घोषित नहीं करने के पीछे जब तर्क दिया कि अगर वही हार जाए तो सीएम फेस का क्या होगा। दूसरे ने अपने नेता कमलनाथ को सीएम चेहरा बताने के लिए साथी वरिष्ठ नेता को पार्टी हाईकमान के फैसले से मिले पद पर ही सवाल खड़े कर दिए। अब देखिये इन नेताओं की जुबानी जंग के वायरल वीडियो के साथ रिपोर्ट।
कांग्रेस में इन दिनों मुख्यमंत्री को लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। पिछले दिनों पार्टी हाईकमान के दिल्ली में हुई बैठक में तो देश के नेताओं में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर जिस तरीके से विरोध किया उसका जवाब अब मध्यप्रदेश में दिखाई देने वाला है। कमलनाथ के समर्थक सज्जन वर्मा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नेता प्रतिपक्ष पर हमला बोल दिया है।
सीएम फेस ही चुनाव हार जाए तो
मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. गोविंद सिंह ने एकबार फिर ऐसा बयान दे दिया है जिससे कांग्रेस में भूचाल आ गया है। डॉ. गोविंद सिंह ने दो दिन पहले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री चेहरे के एक मीडिया कर्मी के सवाल पर यह कह दिया कि जब सीएम फेस ही चुनाव हार जाए तो फिर सीएम फेस का क्या होगा। इसलिए कांग्रेस की परंपरा है कि चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री का चयन होता है। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है और नेताजी अब उसकी सफाई देते फिर रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष को विधायकों ने नहीं चुना है
पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ समर्थक सज्जन सिंह वर्मा ने अपने नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह पर सवाल उठाया कि उन्हें विधायकों ने नहीं चुना है। वे वरिष्ठ थे तो मान लिया कि गोविंद सिंह बन रहे हैं तो बना दो। कमलनाथ ने सवा साल की सरकार में जो काम किया उससे जनभावना से वे फिर मुख्यमंत्री बनेंगे। गोविंद सिंह को नसीहत दी कि समाजवादी विचारधारा है कि जो अपने साथ व्यवहार चाहते हैं वह दूसरों के साथ भी करें। गोविंद सिंह भी एक बैठक में मौजूद थे जिसमें 22 बड़े नेताओं ने एकजुट होकर कहा था कि मुख्यमंत्री के चेहरे पर कोई चर्चा नहीं होगी और हमारे नेता कमलनाथ हैं।
गोविंद सिंह की सफाई भी आई
बयान से बवाल के बाद नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने सपाई दी कि कमलनाथ के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा और यह वरिष्ठ नेताओं की बैठक में यह फैसला हो चुका है। सिंह ने कहा कि यह बात सही है कि मुख्यमंत्री का चयन चुनाव होने के बाद विधायक दल की बैठक में होता है। उन्होंने अपने बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किए जाने का आरोप लगाया।
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