MP विधानसभा में PS को एक साल की सेवावृद्धि, अब सेकंड-थर्ड लाइन विकसित करने की चुनौती

मध्य प्रदेश विधानसभा में प्रमुख सचिव एपी सिंह को एकसाल की सेवावृद्धि दे दी गई है। पिछले कुछ दिनों से उनके रिटायरमेंट को लेकर कयासबाजी चल रही थी जिस पर बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष के फाइल पर साइन करने के साथ विराम लग गया। अब पीएस सिंह के सामने यह चुनौती है कि वे विधानसभा सचिवालय के लिए सेकंड और थर्ड लाइन के अच्छे अधिकारी-कर्मचारी तैयार करें। आईए बताते हैं कैसे चली सेवावृद्धि फाइल।

मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह 31 मार्च को रिटायर हो रहे हैं लेकिन विधानसभा सचिवालय में उनके विकल्प को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। उनकी सेवावृद्धि को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर विपक्ष के कई नेता भी कोशिश कर रहे थे लेकिन फाइल पर फैसला नहीं हो पा रहा था। उन्हें सेवावृद्धि अवधि को लेकर भी एकराय नहीं बन पा रही थी। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने बुधवार को भोपाल आने के बाद सबसे पहले इस फाइल पर हस्ताक्षर कर असमंजस की स्थिति पर विराम लगाया। गौतम ने पीएस को एक साल की सेवावृद्धि देने को हरी झंडी दी है और अब उनके रिटायरमेंट के आखिरी दिन 31 मार्च को आदेश निकलने की संभावना है।
अब सेकंड और थर्ड लाइन विकसित करने की चुनौती
विधानसभा सचिवालय में पीएस एपी सिंह के रिटायरमेंट के बाद सेवावृद्धि इसलिए आवश्यक हो गया था क्योंकि सेकंड और थर्ड लाइन के अफसर की कमी महसूस की जा रही थी। मौजूदा स्थिति में सेकंड लाइन में सचिव के रूप में एकमात्र शिशिर चौबे हैं जो न्यायिक सेवा के हैं और जुलाई 2023 में उनका संविदा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। वैसे भी वे 65 साल की अधिकतम संविदा नियुक्ति की उम्र की सीमा को पार कर चुके हैं। एक सचिव पद रिक्त है जो पद सृजित होने के बाद से आज तक नहीं भरा जा सका है। वहीं, अपर सचिव के रूप में भी तीन अधिकारी हैं जिनमें से वीरेंद्र कुमार सिंह और बीडी सिंह विधानसभा कैडर के हैं और तीसरे उमेश शर्मा पुलिस से प्रतिनियुक्ति पर हैं। बीडी सिंह भी प्रभार में हैं और एक पद अभी भी रिक्त है। थर्ड लाइन के उप सचिव पद की स्थिति भी खराब है। दस उप सचिव अधिकारी में से पांच विधानसभा के नियमित पद वाले हैं तो दो प्रतिनियुक्ति पर हैं। एक उप सचिव सेवावृद्धि पर हैं तो दो उप सचिव प्रभार पर चल रहे हैं। इसी तरह अवर सचिव के 14 अधिकारियों में केवल पांच विधानसभा कैडर के नियमित अधिकारी हैं और तीन सेवावृद्धि के अधिकारी हैं। तीन नियमित अधिकारी हैं जो प्रभार पर हैं तो दो अधिकारी रेलवे से आए हैं जिनकी सेवाएं विधानसभा में मर्ज हो गई हैं। इस तरह पीएस एपी सिंह को इन सभी सेकंड-थर्ड लाइन के पदों पर काम कर रहे नियमित अधिकारियों को आने वाले समय के लिए विकल्प के तौर पर तैयार करने की चुनौती है।

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