-
दुनिया
-
Bhopal की Bank अधिकारी की यूरोप में ऊंची चढ़ाई, माउंट Elbrus पर फहराया तिरंगा
-
भोपाल के दो ज्वेलर्स ने बैंकों को गोल्ड लोन में लगाया 26 करोड़ का चूना, यूको बैंक की चार शाखा को ठगा
-
UNO के आह्वान पर JAYS ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस, जल, जंगल और जमीन के प्रति जागरूक हुए आदिवासी
-
बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम
-
Rahul Gandhi ने सीजफायर को BJP-RSS की सरेंडर की परंपरा बताया, कहा Modi करते हैं Trump की जी हुजूरी
-
सहकारिता मंत्रियों के हमेशा करीबी रहे अरविंद सेंगर, शायद! इसी कारण जांच एजेंसियों की पकड़ से बचते रहे

मध्य प्रदेश में सहकारिता विभाग एक दशक से जिस मंत्री के पास भी रहा वहां ज्वाइंट कमिश्नर सहकारिता और फिर रिटायरमेंट के बाद अरविंद सेंगर उसके करीबी रहे। सेंगर सहकारिता विभाग में ऐसा नाम माना जाता है जिनके ऊपर लोकायुक्त हो या आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ या जिला पुलिस, हर जगह एफआईआर या शिकायत हैं लेकिन राजनीतिक पकड़ ने उन्हें अब तक हवालात की सलाखों से बचाकर रखा है। आईए आपको बताते हैं सेंगर के मामले जिनमें वे अब तक बचे हुए हैं।
मध्य प्रदेश के सहकारिता विभाग में कुछ नाम ऐसे हैं जिनकी चर्चा नहीं हो तो विभाग अधूरा लगता है। इनमें से एक नाम अरविंद सेंगर है। सहकारिता के बारे में सेंगर की इतनी जबरदस्त पकड़ बताई जाती है कि वे असंभव से असंभव काम को भी करने के लिए नियमों में गुंजाइश निकाल लेते हैं। यही वजह रही कि सहकारिता मंत्री चाहे गौरीशंकर बिसेन रहे या गोपाल भार्गव या विश्वास सारंग या डॉ. गोविंद सिंह या फिर अरविंद भदौरिया, सभी का स्टाफ बिना सेंगर के नहीं चला। इतने पॉवरफुल होने के बाद भी गड़बड़ियों की वजह से ये लोकायुक्त और आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ के दायरे में फंस चुके हैं जिसमें एक बार सरकार ने उन्हें बचा लिया तो दूसरे में अदालत में प्रकरण लंबित है।
रिटायर्ड आईएएस थेटे व उनकी पत्नी के मामले में चालान
रिटायर्ड आईएएस रमेश थेटे और पत्नी मंदा के एक केस में सेंगर भी आरोपी बनाए गए। इसमें लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना ने जांच की और सेंगर के रिटायरमेंट के बाद चालान पेश कर दिया गया। इसमें अपेक्स बैंक के चेयरमैन से लेकर एकाउंटेंट सहित छह आरोपी थे जिनमें सेंगर भी थे। लोकायुक्त पुलिस ने चालान पेश कर दिया है।
ईओडब्ल्यू में एक्सिस बैंक एफडी मामला
अपेक्स बैंक की 50 करोड़ रुपए की एफडी के मामले में करीब डेढ़ दर्जन आरोपियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू में एफआईआर दर्ज हुई थी जिनमें अरविंद सेंगर का नाम भी था। एक्सिस बैंक में बनवाई गई 50 करोड़ रुपए की एफडी के मामले में शासन से अनुमति नहीं ली गई थी और इस मामले में ईओडब्ल्यू ने 16 आरोपियों के खिलाफ चालान किया था जिसमें से 10 लोगों को जेल की सजा हुई थी। सेंगर के सेवा में होने के कारण जब शासन से उनके खिलाफ चालान की अनुमति मांगी गई तो अनुमति नहीं मिली थी।
ग्वालियर में भी सहायक पंजीयक कार्यकाल में हुए मामले
ऐसा नहीं है कि सेवाकाल के आखिरी समय या रिटायरमेंट के बाद ही सेंगर पर पुलिस या जांच एजेंसियों ने केस बनाए बल्कि जब उनकी शुरुआत सर्विस थी तो ग्वालियर जिला सहकारी बैंक के मामले में भी पुलिस में प्रकरण दर्ज हुए थे। रिटायरमेंट के बाद अभी भोपाल की आदर्श नगर गृह निर्माण सहकारी समिति के मामले में जिन 45 लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है, उनमें सेंगर का नाम है।
Posted in: bhopal news, Uncategorized, देश, मध्य प्रदेश, मेरा मध्य प्रदेश
Tags: bhopal breaking news, bhopal hindi news, bhopal khabar, bhopal khabar samachar, bhopal latest news, bhopal madhya pradesh, bhopal madhya pradesh india, bhopal madhyya pradesh india, bhopal mp, bhopal mp india, bhopal news, Bhopal news headlines, bhopal news hindi, bhopal news in hindi, bhopal news online, bhopal samachar, bhopal today, bhopalnews, breaking news, hindi breaking news, khabar bhopal, khabar bhopal samachar, latest news in hindi bhopal, MP, MP Breaking news, mp cm, MP government, mp india, mp news, MP News Today, MP NewsMP Breaking news, MP Political news, mpnews, news bhopal, news in bhopal
Leave a Reply