चुनाव वर्ष में कर्मचारी: पदोन्नति, अनुकंपा नियुक्ति व स्कूल शिक्षा में अर्जित अवकाश कार्येतर स्वीकृति के मुद्दे

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के मद्देनजर अब सरकारी कर्मचारियों को अपनी लंबित मांगों पर फैसला कराने का मौका दिखाई दे रहा है। छह साल से कर्मचारी बिना पदोन्नति के रिटायर हो रहे तो अनुकंपा नियुक्ति नियमों में उलझकर रह गईं हैं तथा स्कूल शिक्षा विभाग में प्राचार्य स्तर पर 2008 से 2022 तक अर्जित अवकाश को कार्येतर स्वीकृति नहीं मिल पा रही है। इन मुद्दों पर कर्मचारी अब सरकार से उम्मीद लगा रहे हैं कि शायद चुनाव वर्ष में उनके लिए भी पिटारा खोल दिया जाए। आईए क्या है कर्मचारियों की मांग व क्या हैं कर्मचारियों की इन पर गतिविधियां।

मध्य प्रदेश में पिछले छह साल से सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति नहीं हो रही है लेकिन रिटायरमेंट से रिक्त उच्च पदों का काम उनसे ही लिया जा रहा है। विधानसभा चुनाव 2023 नजदीक होने से मजबूरी में बिना पदोन्नति के उच्च पदों का काम कर कर्मचारियों को पदोन्नति देने की मांग फिर उठा रहे हैं और वे प्रस्तावित पदोन्नति नियमों में असंगत प्रावधानों को हटाकर नियम घोषित करने के लिए मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को जनवरी के बाद 20 मार्च को फिर मांग पत्र दिया है। इसमें मध्य प्रदेश लोक सेवा (पदोन्नति) नियम शीघ्र अधिसूचित करने की मांग की गई है।
अनुकंपा नियुक्ति में अड़चनें
दिवंगत होने वाले कर्मचारियों को आरक्षण रोस्टर के अनुसार प्रवर्ग में रिक्त पदों पर ही अनुकंपा नियुक्ति देने के 2014 में आदेश हुए थे जिनके कारण अनुकंपा नियुक्ति में कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों को मुश्किलें आ रही हैं। जबकि मुख्यमंत्री कोविड 19 अनुकंपा नियुक्ति योजना 2021 में सांख्येतर पद निर्मित कर अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान है जिसमें कोविड में मृत किसी भी तरह के कर्मचारी के परिवार के सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति मिलना आसान है। मुख्यमंत्री कोविड 19 अनुकंपा नियुक्ति योजना के नियम सामान्य अनुकंपा नियुक्ति वाले प्रकरणों में भी लागू किए जाने की मांग उठी है जिसमें हाल ही में राज्य शासन को कर्मचारी संघ ने अपनी पत्र सौंपा है।
उच्च शिक्षा की भांति स्कूल शिक्षा में भी प्रावधान हों
हाल ही में उच्च शिक्षा विभाग में 2008 से 2022 तक के प्राचार्यों द्वारा स्वीकृत अर्जित अवकाश के प्रकरणों में कार्येतर स्वीकृति दे दी गई है लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग में इसी अवधि के प्राचार्यों द्वारा स्वीकृति अर्जित अवकाश मामलों पर कोई फैसला नहीं हुआ है। स्कूल शिक्षा के ऐसे मामलों को भी उच्च शिक्षा विभाग की तरह स्वीकृति देने के लिए कर्मचारी संघ ने राज्य शासन को पत्र लिखा है। अब देखना यह है कि चुनाव वर्ष में कर्मचारियों के इन लंबित मामलों में सरकार कर्मचारियों को कब तोहफा देती है।

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