-
दुनिया
-
Bhopal की Bank अधिकारी की यूरोप में ऊंची चढ़ाई, माउंट Elbrus पर फहराया तिरंगा
-
भोपाल के दो ज्वेलर्स ने बैंकों को गोल्ड लोन में लगाया 26 करोड़ का चूना, यूको बैंक की चार शाखा को ठगा
-
UNO के आह्वान पर JAYS ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस, जल, जंगल और जमीन के प्रति जागरूक हुए आदिवासी
-
बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम
-
Rahul Gandhi ने सीजफायर को BJP-RSS की सरेंडर की परंपरा बताया, कहा Modi करते हैं Trump की जी हुजूरी
-
जंगल महकमा 100 करोड़ से ज्यादा तीन हफ्ते में खर्च करने का दबाव, चहेतों पर बरस रही कृपा

मध्य प्रदेश में वर्ष 2022-23 खत्म होने जा रहा है जिसके बजट में बची राशि को लेकर अब जंगल महकमे में वरिष्ठ अधिकारी खर्च करने का दबाव बना रहे हैं। कैंपा फंड व विकास मद की 100 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि को आने वाले तीन हफ्ते में खर्च करना है जिसमें अब कमीशनखोरी की आशंका नजर आने लगी है। शहडोल सर्किल में ऐसी शिकायत सुनने में आई है क्योंकि वन मुख्यालय से एपीसीसीएफ स्तर के एक अधिकारी ने एक डीएफओ को फटकार भी लगाई है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक मुख्यालय से प्रत्येक वन मंडलों को विकास और कैंपा मद की 300 से 400 करोड़ रुपए हर वित्तीय वर्ष में दिए जाते हैं। विकास मद (7882) और कैंपा फंड (9664 & 9667) से चुनिंदा फील्ड के अफसरों को दिए जा रहे हैं। मुख्यालय के अधिकारियों द्वारा ऐसा रवैया अपनाया जा रहा है और देखा जा रहा है कि चहेतों को जरूरत नहीं होने पर राशि आवंटित की जा रहा है।
जंगल के काम में कमीशन का खेल के आरोप
विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि विकास मद और कैंपा फंड मद की राशि से किए जाने वाले कामों में आमतौर पर जो सिस्टम में कमीशन चलता है, वह बजट के अंतिम महीने में बची राशि को निपटाने के लिए 20 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। आमतौर पर बजट में शेष राशि को खत्म करने के लिए अंतिम महीने में केवल कागजों पर ही काम होते हैं। हालांकि इस सिस्टम में वरिष्ठ अधिकारी अपने चहेतों का इस्तेमाल करते हैं।
अनूपपुर में एक करोड़ से ज्यादा का खर्च
जानकारी के अनुसार अनूपपुर में डीएफओ एक करोड़ रुपए से ज्यादा राशि खर्च करना है और वहां निचले स्टाफ को राशि खर्च करने का दबाव है। कैंपा फंड की राशि का उपयोग वनीकरण क्षतिपूर्ति (विभिन्न योजनाओं में मिली जमीन पर वृक्षारोपण) और विभिन्न कार्यों के लिए किया जाता है तो विकास मद की राशि कार्य योजना के क्रियान्वयन के लिए आवंटित की जाती है। सूत्रों के मुताबिक यहां दोनों ही फंड से चैन लिंक, पोल व अन्य सामग्रियों की खरीदी होती आ रही है और इसमें कई आईएफएस अधिकारी शामिल हैं। कई को नोटिस जारी हो चुके हैं और कुछ आरोप पत्र भी दे दिए गए हैं।
खर्च करने का दबाव
जानकारी के मुताबिक विकास मद और कैंपा फंड के दोनों मद से अभी तक तकरीबन 100 करोड़ से अधिक राशि खर्च नहीं हो पाई है। वीडियो कांफ्रेंसिंग में बजट खर्च नहीं कर पाने के लिए डीएफओ की फटकार भी लगती है। वित्तीय वर्ष के आखिरी महीने में आनन-फानन में बची राशि खर्च की जाती है जिसके लिए फील्ड अफसरों से लेकर मुख्यालय के अधिकारियों की सहभागिता होी है।
यह वन मंडल खर्च नहीं कर पाए राशि
बताया जाता है कि वित्तीय वर्ष के अंतिम महीने में कुछ वन मंडल के पास बजट की राशि बच गई है। दो दर्जन वन मंडलों को छोड़कर ऐसे कई वन मंडल है जहां दो करोड़ से लेकर चार करोड़ तक की राशि खर्च नहीं हो पाई है। कुछ उदाहरण आपको बता दें तो शिवपुरी वन मंडल को कैंपा फंड में करीब 29 करोड़ रुपए दिया गया था लेकिन फरवरी तक इसमें से लगभग साढे 7 करोड़ से अधिक राशि खर्च नहीं हो पाई थी। यहां कैंपा फंड से बड़ी गड़बड़ी होने की खबरें हैं। जब यह गड़बड़ी पकड़ने की कोशिश हुई तो अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक को बजट शाखा से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया। इसी तरह होशंगाबाद वन मंडल भी लगभग ₹6 करोड़ कैंपा मद का खर्च नहीं कर पाया है तो कटनी में केंपा फंड का चार करोड़ और विकास शाखा का 3 करोड़ रुपया खर्च नहीं हो सका है।
वे वन मंडल जहां राशि बची
यूं देखा जाए तो वर्ष के अंतिम महीने में लगभग 100 करोड़ राशि खर्च होने से बच गई है। जिन वन मंडलों में विकास और कैंपा मद दोनों को मिलाकर 3 करोड़ से अधिक की राशि शेष रह गई है उनमें अनूपपुर, श्योपुर, शिवपुरी, उत्तर बालाघाट, दक्षिण बालाघाट, उत्तर बैतूल, दक्षिण बैतूल,ओबैदुल्लागंज, दक्षिण पन्ना, उत्तर पन्ना, छिंदवाड़ा, दक्षिण छिंदवाड़ा, पश्चिम छिंदवाड़ा, ग्वालियर, होशंगाबाद, धार इंदौर झाबुआ, डिंडोरी, पूर्व मंडला, जबलपुर, कटनी, खंडवा, अनुसंधान एवं विस्तार खंडवा, सेंधवा, रीवा, सतना, सिंगरौली, दमोह, सागर उत्तर, सागर दक्षिण, बड़वाह, गुना, हरदा, ग्वालियर और मुरैना वन मंडल प्रमुख है।
मुख्यालय की इन मैदानी अफसरों पर कृपा बरसी
शीर्ष अफसरों के सामने हर त्रैमासिक में शीर्षासन करने वाले मैदानी आईएफएस अधिकारियों ने विकास और कैंपा फंड के दोनों मर्दों से जमकर राशि हासिल की। बड़े अफसरों की सबसे अधिक शिवपुरी को कैंपा फंड के दोनों मदों (9664 व 9667) से करीब ₹28 करोड़ से अधिक दिया गया। इसके अलावा शिवपुरी के लिए 9 करोड़ रूपया विकास शाखा से रिलीज किया गया। वनीकरण क्षतिपूर्ति आर्यों की थर्ड पार्टी एसेसमेंट कराया जाए तो डीएफओ और तत्कालीन सीसीएफ दोनों ही जांच की जद में आ जाएंगे।
वन मंडल विकास + कैंप फंड ( अनुमानित करोड़)
होशंगाबाद 42
सिंगरौली 32
देवास 32
सतना 25
खंडवा 22
पन्ना साउथ 20
रायसेन 16
डिंडोरी 18
Posted in: bhopal news, Uncategorized, मध्य प्रदेश, मेरा मध्य प्रदेश
Tags: bhopal breaking news, bhopal hindi news, bhopal khabar, bhopal khabar samachar, bhopal latest news, bhopal madhya pradesh, bhopal madhya pradesh india, bhopal mp, bhopal mp india, bhopal news, Bhopal news headlines, bhopal news hindi, bhopal news in hindi, bhopal news online, bhopal samachar, bhopal today, breaking news, hindi breaking news, MP Breaking news, MP government, mp india, mp news, MP News Today, MP NewsMP Breaking news, mpinfo, mpnews
Leave a Reply