50 साल में भोपाल की बैरसिया-गोविंदपुरा में एक-एक बार जीती कांग्रेस, वहां पहुंचे दिग्विजय

कांग्रेस अब उन स्थानों पर जोर दे रही है जहां वह पिछले पांच चुनाव में हारती रही है और इनमें राजधानी भोपाल की बैरसिया-गोविंदपुरा सीटें हैं। यहां उसे 50 सालों के विधानसभा चुनाव इतिहास में एक-एक बार ही जीत हासिल हुई है। ऐसी परंपरागत कमजोर सीटों पर आज पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह संगठन की मजबूती का मंत्र फूंककर आए हैं लेकिन यहां दावेदारों की लंबी सूची में शामिल नेताओं में से किसी का भी टिकट काटा जाता है तो असंतुष्टों से कांग्रेस को पार पाना मुश्किल दिखाई दे रहा है।

मध्य प्रदेश में लंबे समय तक विधानसभा में सरकारें चलाने के बाद 15 साल बाद सत्ता में लौटकर फिर विपक्ष में बैठी कांग्रेस अब उन सीटों पर फोकस कर रही है जहां वह लगातार चुनाव हार रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ भी ऐसी करीब 50 सीटों के बारे में अनौपचारिक चर्चाओं में पार्टी की रणनीति के बारे में बता चुके हैं। उन्होंने कहा भी है कि संगठन की मजबूती के लिए काम किया जा रहा है और किया गया है। आज से ऐसी ही सीटों में से दो सीटों पर आज दिग्विजय सिंह पहुंचे थे। वहां उन्होंने मंडलम-सेक्टर और मतदान केंद्रों को मजबूत करने के लिए नेताओं व कार्यकर्ताओं को कुछ पाइंट बताए हैं। हालांकि कांग्रेस संगठन में नेताओं की हमेशा संख्या ज्यादा रही है और कार्यकर्ता कम दिखते हैं जिससे चुनाव के समय मतदान केंद्रों पर काम करने वाले कार्यकर्ता मतदान के पीकअवर में बूथ से नदारत हो जाते हैं।
भोपाल के बैरसिया और गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र जनसंघ-भाजपा के गढ़
भोपाल में बैरसिया और गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र दशकों से जनसंघ और भाजपा के गढ़ रहे हैं। 1972 से बैरसिया में गौरीशंकर कौशल, लक्ष्मीनारायण शर्मा छह चुनाव में अजेय रहे लेकिन 1998 में कांग्रेस के जोधाराम गुर्जर ने जीतकर भाजपा के गढ़ में सेंध लगाई। इसके बाद फिर 2003 से अब तक यह सीट भाजपा के कब्जे में ही है। इसी तरह गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1972 में एक बार ही कांग्रेस के मोहनलाल अष्ठाना ने यहां से जीत हासिल की थी लेकिन इसके बाद 1977 से अब तक जनता पार्टी-भाजपा के कब्जे में है। 1980 के बाद से तो यह सीट गौर परिवार के हिस्से में ही गई है और सात बार यहां से बाबूलाल गौर तो इस बार उनकी बहू कृष्णा गौर जीती हैं। कुल मिलाकर बैरसिया और गोविंदपुरा विधानसभा सीट 50 साल के इतिहास में केवल पांच-पांच साल के लिए ही कांग्रेस के खाते में रही हैं। 2023 में बैरसिया विधानसभा से कांग्रेस की ओर से जयश्री के अलावा जिला पंचायत सदस्य विनय मैहर व मिश्रीलाल की दावेदारी अब तक सामने आई है तो गोविंदपुरा में गोविंद गोयल, जेपी धनोपिया, आभा सिंह, दीप्ति सिंह जैसे नाम चर्चा में आए हैं। मगर कांग्रेस में टिकट का फैसला सर्वे के आधार पर होने की बात भी सामने आई है।

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