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जंगल में मंगलः मंत्रियों-MLA’s की लंबी सूची में फंसी पोस्टिंग, दर्जनभर DFO, सीसीएफ, APCCF पद खाली

मध्य प्रदेश के जंगल महकमे में शिवराज सरकार के कई मंत्रियों-विधायकों की खास रुचि के कारण आईएफएस की पोस्टिंग के लिए इतनी लंबी सूची हो गई है कि वन मंत्री विजय शाह अपने चहेतों को एडजस्ट नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में करीब आठ महीने से प्रदेश में दर्जनभर डीएफओ, सीसीएफ और एपीसीसीएफ के पद खाली पड़े हैं। कुछ तबादलों की सीएम सेक्रेटरीयट तक शिकायतें भी हो चुकी हैं और कई लंबित प्रस्तावों को लेकर वहां की नाराजगी भी बताई जा रही है।
वन मुख्यालय सतपुड़ा में एपीसीसीएफ के विकास, भू-अभिलेख, समन्वय, वित्त एवं बजट, शिकायत एवं सतर्कता, उत्पादन और संयुक्त वन प्रबंधन शाखा के पद रिक्त पड़े हैं। एपीसीसीएफ मनोज अग्रवाल कैडर विरुद्ध उज्जैन सर्किल में पदेन वन संरक्षक के पद पर कार्य कर रहे हैं। मनोज अग्रवाल मुख्यालय न आना पड़े इसके लिए वन मंत्री विजय शाह की परिक्रमा कर रहे हैं। इसी प्रकार एपीसीसीएफ के 2 अधिकारी अजय यादव प्रतिनियुक्ति पर एनवीडीए और पीएल धीमान मत्स्य महासंघ में पदस्थ हैं। अजय यादव को मुख्यालय बुलाया जा रहा है। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर के अधिकारियों की कमी के कारण वन बल प्रमुख आरके गुप्ता ने एक-एक आईएफएस अफसरों को कई शाखाओं का प्रभार देना पड़ रहा है। विभाग में विकास शाखा सबसे महत्वपूर्ण है. इसका प्रभार यूके सुबुद्धि को दिया गया है।
सर्किल के लिए जोर-आजमाइश का दौर
सर्किल में पदस्थापना के लिए आईएफएस अधिकारी अपने राजनीतिक रसूख का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। यही वजह है कि मंत्रियों और विधायकों के सिफारिशों की लंबी फेहरिस्त है. कहा जा रहा है कि वन मंत्री विजय शाह की सूची और सिफारिश सूची में मेल न होने के कारण पदस्थापना का मामला 8 महीने से अटका है। विभाग के सर्किल रीवा, ग्वालियर, बालाघाट और पेंच नेशनल पार्क के डायरेक्टर के पद रिक्त हैं। ये सभी पद मैनेजमेंट कोटे के तहत प्रभार में चल रहे हैं। रीवा सर्किल का प्रभार राजेश राय और बालाघाट सर्किल की जिम्मेदारी वर्किंग प्लान बना रहे एपीएस सेंगर को प्रभार के रूप में दिया गया है। सेंगर को बालाघाट सर्किल में पदस्थ करने का नाम प्रस्तावित किया गया है। पालपुर कूनो के डायरेक्टर उत्तम शर्मा के पास माधव नेशनल पार्क और ग्वालियर सर्किल का भी प्रभार है। रीवा सर्किल प्रभार वर्किंग प्लान बनाने वाले वन संरक्षक राजेश राय को दिया गया है। राय अब अपनी पदस्थापना की बांट जोह रहे हैं। ग्वालियर सर्किल का प्रभार भी पालपुर कूनो के सीसीएफ उत्तम शर्मा को दी गई है। ग्वालियर सर्किल में टीएस सूलिया और मस्तराम बघेल के बीच जोर आजमाइश चल रही है। इस माह शिवपुरी सर्किल में वन संरक्षक का पद रिक्त हो रहा है। इसके लिए अनिल शुक्ला और उज्जैन सर्किल से मनोज अग्रवाल को वापस बुलाए जाने पर आलोक पाठक वन संरक्षक बनाए जाने की चर्चा है। हालांकि आलोक पाठक छिंदवाड़ा सर्किल के लिए सबसे उपयुक्त है।
सात वनमंडलों में डीएफओ के पद भी खाली
एक हफ्ते पहले ही पन्ना उत्तर वनमंडल में एक टाइगर की शिकारी के फंदे में फंसने से मौत हो गई थी। इस घटना के बाद एसीएस जेएस कंसोटिया घटनास्थल पर भी पहुंचे थे। वहां उन्हें अधिकारियों ने बताया कि कई महीनों से डीएफओ और एसडीओ के पद का लिखते हैं और उन्हें भरने की कोई कोशिश नहीं की जा रही है। अजीबोगरीब स्थिति यह है कि पन्ना में एसडीओ का प्रभार छतरपुर वन मंडल में पदस्थ एसडीओ को सौंपा गया है। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारी वन और वन्य प्राणियों की सुरक्षा को लेकर कितने गंभीर हैं। इसके अलावा अशोकनगर, राजगढ़, पूर्व छिंदवाड़ा, पश्चिम मंडला, रायसेन, राजधानी परियोजना इकाई भोपाल, रतलाम वन मंडल में डीएफओ के पद भी खाली पड़े हुए हैं। इन सभी पदों को मैनेजमेंट और राजनीतिक रसूख के दम पर भरे जाने की कवायद चल रही है। यही वजह है कि सूचियां बन और बिगड़ रही है। रायसेन वन मंडल में मुख्यमंत्री सचिवालय से रमेश कुमार राठौड़ का नाम प्रस्तावित किया गया था। इस नाम को भी कट कर दिया गया है।
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