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मशहूर शायर तारीक शाहीन का इंतकाल, ऐसी शोहरत कि उनकी किताब का मकबूल फिदा हुसैन ने बनाया कवर पेज

मध्य प्रदेश की सरजमीं के मशहूर शायर तारिक शाहीन का इंदौर में निधन हो गया। वे शायरों की दुनिया के ऐसे नाम थे कि राहत इंदौरी उन्हें सम्मान देते थे तो मकबूल फिदा हुसैन ने उनकी किताब का कवर चित्र भी बनाया। उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखीं।
तारिक शाहीन इंदौर में खजराना के रहने वाले थे और वे जिस मुशायरे और महफिल में जाते तो उसकी शान बन जाते थे। इंदौर रायटर्स क्लब जिसे संक्षिप्त नाम इराक दिया गया है, उसके सदस्य भी थे। मशहूर शायर मरहूम राहत इंदौरी भी उन्हें उस्ताद कहकर सम्मान देते थे। शायरों के एक ई प्लेटफार्म रेखता में उनकी 14 गजलों का संकलन है तथा 10 पुस्तकों के बारे में भी जिक्र है। आज उनको इंदौर में सुपुर्दे खाक किया जाएगा। रेखता में से ही एक गजल यहां उन्हें श्रद्धांजलि के रूप में पेश की जा रही है।
अपनी तन्हाई के सैलाब में बहते रहना
कितना दुश्वार है ऐ दोस्त अकेले रहना
पाँव पत्थर किए देते हैं ये मीलों के सफ़र
और मंज़िल का तक़ाज़ा है कि चलते रहना
बंद कमरे में किसी याद की ख़ुशबू ओढ़े
तुम भी ‘ग़ालिब’ की तरह याद में डूबे रहना
बहते रहने से तो दरियाओं में खो जाओगे
झील बनना है तो इक मोड़ पे ठहरे रहना
दर-ओ-दीवार जहाँ जान के दुश्मन हो जाएँ
और उसी घर में जो रहना हो तो कैसे रहना
दुश्मनों से तो कभी ख़ौफ़ न खाना लेकिन
मशवरा ये है कि अहबाब से बच के रहना
जाने क्या रोग लगा रक्खा है तुम ने ‘तारिक़’
हर जगह टूटे हुए बिखरे हुए से रहना
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