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धर्म और विज्ञान एक-दूसरे को काटते नहीं समर्थन करते हैं, सीएम चौहान ने कहा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का शुभारंभ करते हुए कहा कि भारत का दृष्टिकोण और सोच वैज्ञानिक है। धर्म और विज्ञान एक-दूसरे को काटते नहीं हैं बल्कि एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। विज्ञान जहां से समाप्त होता है वहां से अध्यात्म की यात्रा शुरू होती है।
भोपाल में आयोजित भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह भी आए। सीएम ने कार्यक्रम में कहा कि यह सोच सही नहीं है कि हमने विज्ञान पश्चिम से लिया है बल्कि पश्चिम तो बहुत बाद में प्रकाश में आया है। गैलीलियो-कॉपरनिकस से 500 साल पहले आर्यभट्ट और उसके बाद वराहमिहिर ने सूर्य-चंद्रमा व पृथ्वी की गति की गणना के आधार पर नवग्रह व नक्षत्रों की सही स्थिति जानकर खगोलिय विधि का वर्णन कर दिया था। हमारे ऋषि कब से इन नवग्रहों के बारे में जानते हैं। भारत का सोच वैज्ञानिक है। भारत की संस्कृति, माटी और जड़ों में नवाचार, साइंटिफिक सोच है। भारत आज से नहीं हजारों सालों से विज्ञान व प्रौद्योगिकी में आगे, लेकिन इसका प्रकटीकरण आधुनिक काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काल में हुआ है।
स्टार्टअप के ईकोसिस्टम में तीसरे नंबर पर भारत
सीएम चौहान ने कहा कि एक समय था जब भारत के उपग्रह दूसरे देश लांच करते थे लेकिन आज न सिर्फ अपने बल्कि दूसरे देशों के उपग्रहों को लांच कर रहे हैं। भारत स्टार्टअप्स के इकोसिस्टम में दुनिया में तीसरे नंबर पर आ गया है। मध्य प्रदेश में भी 2600 स्टार्टअप बने हैं। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद बच्चों को कहा कि उनमें जिज्ञासा और जानने की इच्छा मन में बनी रहना चाहिए और अंदर जो सोचते हैं उसे जमीन पर उतारने की जिद्द होना चाहिए।
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