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लोधी समाज को सम्मान की सीख देने के बाद अब उमा की प्रीतम लोधी को आरक्षण पर सलाह, जानिये क्या कहा इस बार

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती लोधी समाज से आती हैं और समाज में उनकी बात काफी महत्व होता है। कुछ समय पहले उन्होंने समाज के युवक युवती परिचय सम्मेलन में जिस तरह वोट देते समय सम्मान को याद रखने की बात कही थी, आज वे भाजपा नेतृत्व के खिलाफ बोलने वाले अपने समर्थक प्रीतम लोधी के घर पहुंची और वहां उन्होंने उन्हें सलाह दी कि वे अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की महासभा बनाकर निजी क्षेत्र में आरक्षण के लिए आगे आएं।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पिछले कुछ समय से मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के लिए शराब नीति पर परेशानी में डाल रहीं थीं लेकिन पिछले कुछ दिनों के भीतर उन्होंने लोधी समाज के लोगों के बीच पहुंचकर उन्हें स्व-विवेक की बातें कही जा रही हैं। भाजपा नेतृत्व के खिलाफ बयान देने वाले उमा भारती समर्थक प्रीतम लोधी को कल रात उन्होंने जिस तरह एससी, एसटी, ओबीसी महासभा बनाकर निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि आज केवल दो जमात है, एक अभावग्रस्त लोग व दूसरी सुविधायुक्त। प्रीतम लोधी को भारती ने कहा कि निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग में दस फीसदी गरीब सवर्णों के हिस्से की भी मांग करें।
लोधी के घर जाने पर उमा का तर्क
प्रीतम लोधी के घर पहुंच पर उन्होंने जो तर्क दिया वह दमोह के मलैया परिवार के साथ पार्टी के माफीनामे को बताया। उन्होंने कहा कि उप चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ काम करने के बाद जयंत मलैया के खिलाफ भाजपा नेतृत्व ने कार्रवाई की थी। उस कार्रवाई से वे सहमत नहीं थीं लेकिन पिछले दिनों (कैलाश विजयवर्गीय का नाम लिए बिना कहा है) पार्टी के एक महासचिव मलैया से माफी मांगी। अगर वे प्रीतम लोधी के घर नहीं जातीं तो भाजपा पर शंका की जाती कि यह सोचा जाता पार्टी पिछड़े, दलित और शोषित का सम्मान नहीं करती।
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