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उमा की सलाह पर सरकार चली तो यह हो जाएगा, शराब के शौकीनों को अपने ठिकाने ढूंढने पड़ेंगे

मध्य प्रदेश में शराब बंदी से शुरू हुए पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की मुहिम के नशामुक्ति अभियान पर समझौते करने के बाद अब उन्होंने शिवराज सरकार को सलाह दी है कि वह शराब की दुकानों को स्कूल-कॉलेज, धार्मिकस्थलों ही नहीं बल्कि मजदूरों की बस्तियों, अस्पताल और बस स्टैंड से आधा से एक किलोमीटर की दूरी पर अनुमति दे। अगर उमा भारती की सलाह पर सरकार ने नई शराब नीति बनाई तो शराब के शौकीनों को शराब की दुकान ढुंढने के लिए शहर में कई किलोमीटर की दूरी नापने होगी। हम आपको बता रहे हैं उमा भारती ने जो शिवराज सरकार को सलाह दी है, उसके बारे में।
मध्य प्रदेश में शराब बंदी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पिछले कुछ साल से मुखर हैं। कई बार वे शिवराज सरकार को चेतावनी दे दी चुकी हैं तो कुछ मर्तबा उन्होंने अपने इस संकल्प को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ व भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को भी इस बारे में चर्चा कर बताया है। वे कुछ समय तक इसके लिए तारीखें देकर आक्रामक रुख जाहिर भी कर चुकी हैं और दो बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी चर्चा कर चुकी हैं। इसके बाद जब शिवराज सरकार ने शराब बंदी के स्थान पर नशामुक्ति अभियान के बारे में अपना ऐलान किया तो वे सीएम के तर्क के आधार पर इस पर सहमत हो गईं लेकिन बीच-बीच में उनके शराब दुकानों पर आक्रामक रुख देखने को मिले। इस बार उन्होंने पिछली चर्चा का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र में नई शराब नीति को लेकर अपनी सलाह दी है। भारती ने सीएम से हाल में हुई चर्चा का हवाला देते हुए मीडिया से अपनी सलाह के बिंदू भी शेयर किए हैं।
जानिये क्या है सलाहः
- शराब पीने की अहाते की व्यवस्था को तुरंत बंद किया। इससे अहाते से शराब पीकर निकलने वालों के वाहनों से एक्सीडेंट, अहातों के आसपास महिलाओं और सज्जन व्यक्तियों को निकलने में भय लगता है।
- सभी शिक्षण संस्थानों से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर शराब की दुकान की अनुमति दी जाए।
- सभी धर्मों के स्थानों से शराब की दुकान की दूरी करीब आधा किलोमीटर की हो।
- मजदूरों की बस्तियों, अस्पतालों व बस स्टैंड से शराब की दुकान करीब आधा किलोमीटर के फासले पर हो।
- शराब की दुकानों के बाहर और शराब की बोतलों पर शराब पीने की बुराइयों को लिखा जाए।
- शराब की दुकानों में या शराब की दुकानों के बाहर शराब पीने पर प्रतिबंध हो और ऐसा करते कोई व्यक्ति पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस को पूरे अधिकार दिए जाएं।
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