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पन्ना टाइगर रिजर्व में एक महीने में दूसरे टाइगर का शिकार, फंदे के बाद अब करंट दिया

मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व बाघ के शिकारियों का गढ़ बनता जा रहा है। एक महीने पहले शिकारियों ने एक टाइगर को फांसी देकर शिकार बनाया तो नए साल में शिकारियों ने बाघ के शिकार के लिए करंट फैलाया और उसे शिकार बनाया जिसमें एक हायना भी चपेट में आ गया। पन्ना टाइगर रिजर्व में एक महीने में दूसरे टाइगर की मौत की घटना से वन विभाग के अमले की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होते हैं।
पन्ना टाइगर रिजर्व में एकबार 2009 में टाइगर खत्म हो गए थे लेकिन टाइगर रिलोकेशन प्रोग्राम चलाकर वन विभाग ने यहां फिर टाइगर की आबादी को बढ़ाया। आज यहां लगभग चार दर्जन से ज्यादा टाइगर हैं। मगर पिछले कुछ समय से यहां शिकारियों ने फिर टाइगरों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। किशनगढ़ रेंज में शिकारियों ने करंट फैलाकर फिर टाइगर को शिकार बनाया है जिसकी चपेट में एक हायना भी गया। टाइगर की करंट लगने से घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
एक महीने पहले फंदे लगाकर हुआ था शिकार
पन्ना टाइगर रिजर्व में एक महीने पहले शिकारियों ने टाइगर के शिकार के लिए फंदा लगाया था। टाइगर फंदे फंसा और फांसी पर झूल गया। उसके शव को कुछ दिन बाद फांसी पर लटका देखा गया। इस घटना से राज्य सरकार सकते में आ गई थी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आपात बैठक बुलाकर त्वरित एक्शन लेने के लिए निर्देश दिए थे। अभी फांसी पर लटकाकर टाइगर के शिकार की घटना को एक महीने भी नहीं बीता था और आज करंट फैलाकर टाइगर के शिकार की पन्ना टाइगर रिजर्व में दूसरी घटना ने वन विभाग की मुस्तैदी के दावों की पोल खोल दी है।
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