पुलिस थाने में जाने में आम आदमी कतराता है। उसे थाना परिसर में प्रवेश में ही अज्ञात भय का अहसास होने लगता है और इसे दूर करने के लिए छतरपुर पुलिस ने एक अनूठी पहल की है। आकर्षक चित्रकारी कर बच्चों और महिलाओं को थाने में प्रवेश के पहले सुखद अनुभूति का अहसास कराने का यह प्रयास किया गया है।
छतरपुर जिले के महिला थाने में महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराधों और उन्हें गलत व्यक्तियों द्वारा किए जाने वाले व्यवहार को बताने वाले चित्रों के माध्यम से शिक्षित की कोशिश भी की गई है। महिलाओं और बच्चों को बताने की कोशिश की गई है कि उनके साथ किस-किस तरह के अपराध हो सकते हैं। उन्हें बताया जा रहा है कि उनके साथ मानसिक-शारीरिक प्रताड़ना और लैंगिक उत्पीड़न हो तो वे पुलिस की मदद ले सकते हैं। बच्चों को अच्छे और खराब टच के बारे में चित्रों के माध्यम से समझाने की कोशिश की गई है। महिला थाने में की गई इस चित्रकारी में बाल मित्र थाने का अहसास कराया जा रहा है और इसे बाल मित्र थाना नाम दिया गया है। इस विशेष पहल में एसपी छतरपुर सचिन शर्मा की सोच है जिसे महिलाओं और बच्चो का जागरूकता अभियान रूप दिया गया है। बाल मित्र थाने में महिला-बच्चों के साथ होने वाले अपराधों के टोल फ्री नंबर को भी प्रदर्शित किया गया जिसमें बताया गया है कि वे उक्त नंबर पर 24 घंटे में कभी अपनी समस्या के बारे में बता सकते हैं।
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