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IAS तरुण भटनागर पर लोकायुक्त पुलिस में FIR के बाद कार्रवाई नहीं हुआ था सम्मान, अब वही CM के आदेश को दिखा गए ठेंगा

बुधवार को निवाड़ी में जिस कलेक्टर तरुण भटनागर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से हटाने का ऐलान किया, यह वही 2012 बैच के युवा आईएएस अधिकारी हैं जिनके खिलाफ दो महीने पहले लोकायुक्त पुलिस में एफआईआर दर्ज हुई थी। मगर तब राज्य शासन ने उन्हें जिले से तो हटाया नहीं था बल्कि 15 दिन बाद उनका राज्य और जिला स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह में दस लाख रुपए के सम्मान से नवाजा था। भोपाल में सीएम चौहान ने उन्हें सम्मानित किया था। जिस अधिकारी को राज्य शासन ने एफआईआऱ के बाद भी जिले से नहीं हटाया, वह सीएम के ऐलान के बाद कार्यमुक्त होने का इंतजार किए बिना अवकाश पर गए।
मध्य प्रदेश कैडर के 2012 बैच के आईएएस अधिकारी तरुण भटनागर और ग्वालियर के साडा अध्यक्ष राकेश जादौन सहित कई दो साड़ा अधिकारियों व एक डिस्टलरी के तीन लोगों के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने दीपावली के पूर्व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की थी। उस मामले में साड़ा का 2016 का जमीन घोटाला हुआ था जिसमें तत्कालीन सीईओ भटनागर, अध्यक्ष जादौन व अन्य लोगों ने मिलकर मास्टर प्लान से छेड़छाड़ करते हुए जमीन के उपयोग को परिवर्तित किया था। लोकायुक्त पुलिस ने करीब पौने दो साल की जांच के बाद मामले में एफआईआर दर्ज की थी।
भटनागर एफआईआर के बाद भी सम्मानित
दीपावली के पूर्व एफआईआर दर्ज होने के बाद भी तरुण भटनागर को निवाड़ी कलेक्टर से नहीं हटाया गया। इस एफआईआर के दर्ज होने के दो सप्ताह बाद ही भोपाल में राज्य और जिला स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह में निवाड़ी जिला कलेक्टर के रूप में दस लाख रुपए का चैक देकर सीएम ने उन्हें सम्मानित भी किया। यहां उल्लेखनीय है कि उस समारोह में पुरस्कृत होने वालों की सूची में उनका नाम शामिल था और इस तरफ किसी ने ध्यान भी नहीं दिया कि भटनागर के खिलाफ हाल ही में एफआईआर दर्ज हुई है तो उनके स्थान पर ओरछा नगर परिषद के किसी अधिकारी या अन्य जिम्मेदार व्यक्ति को इसके लिए अधिकृत करा दिया जाए।
सीएम के आदेश को ठेंगा दिखाया
आईएएस अधिकारी भटनागर को सीएम ने बुधवार को जिस मंच से कलेक्टर से हटाने का ऐलान किया वे उसके बाद वे कार्यमुक्त होने की प्रतीक्षा किए बिना अवकाश पर चले गए। सागर संभाग के आयुक्त मुकेश शुक्ल के उनके स्थान पर टीकमगढ़ जिला पंचायत के सीईओ सिद्धार्थ जैन को अतिरिक्त प्रभार दिए जाने के आदेश से भटनागर के अवकाश पर जाने की बात सामने आई। शुक्ल के आदेश में यह लिखा है कि तरुण भटनागर के अर्जित अवकाश पर चले जाने पर जैन को अतिरिक्त प्रभार दिया जाता है।
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