मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह की धार्मिक आस्था देखते ही बनती है। इस बार जब सीएम सोमवार को दिल्ली में थे तो उनके बिना साधना सिंह पचमढ़ी के चौरागढ़ पहुंच गईं। 1365 सीढ़ियां चढ़कर सैकड़ों मीटर ऊपर स्थित शिवमंदिर में उन्होंने त्रिशूल चढ़ाया।
होशंगाबाद के पचमढ़ी और छिंदवाड़ा जिले की सीमा पर सैकड़ों मीटर ऊपर ऊंचाई पर चौरागढ़ पहाड़ी पर भगवान शिव की विशाल प्रतिमा है जहां लोग मनोकामना पूरी करने के लिए त्रिशूल चढ़ाते हैं। छोटे-बड़े सैकड़ों त्रिशूल पहाड़ी में जगह-जगह मिल जाते हैं। यहां सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह भी पहुंची थी। सीएम दिल्ली में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने पहुंचे थे तब उन्हें पता चला कि उनकी पत्नी चौरागढ़ में 1365 सीढ़ियां चढ़कर दर्शन करने जा रही हैं तो उन्होंने फोन कर उन्हें समझाया था। मगर भक्त को भगवान के दर्शन करते समय ऐसी शक्ति मिलती है कि वे पैदल पहाड़ी पर चलीं और त्रिशूल चढ़ाया।
चौरागढ़ पर इसलिए चढ़ाते हैं त्रिशूल
यहां के बुजुर्गों का कहना है कि चौड़ागढ़ में हजारों साल पहले चौरा बाबा तपस्या कर रहे थे और तपस्या सेे शिवजी प्रसन्न होकर उनके सामने प्रकट हुए थे। बाबा को दर्शन देने के बाद शिवजी वहां अपना त्रिशूल छोड़कर चले गए। इसके बाद यह स्थान चौरागढ़ के नाम से पहचाना जाना लगा और यहां लोग अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए त्रिशूल चढ़ाते हैं। यहां एक शिवजी की विशाल प्रतिमा की भी स्थापना की गई है।
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