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पूर्व मंत्री-MLA बिसेन के खिलाफ अदालत का फैसला, मामले में एक मंत्री को क्लीनचिट

बुंदेलखंड में सहकारिता से जुड़े एक नेता संजय नगाइच ने करीब एक दशक पहले अपनी ही पार्टी के नेताओं के राजनीतिक विद्वेष में फंसाए जाने के खिलाफ जो अदालती लड़ाई शुरू की थी, उसमें जीत हासिल हुई है। इसमें तत्कालीन सहकारिता मंत्री और मौजूदा विधायक व पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन, सागर संभाग के सहकारिता के संयुक्त पंजीयक प्रदीप नीखरा को अदालत ने दोषी करार दिया है। हालांकि उनकी जिस भाजपा नेता और वर्तमान मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह से जो लड़ाई थी, उन्हें अदालत ने क्लीनचिट दे दी है।
सहकारिता से जुड़े एक भाजपा कार्यकर्ता संजय नगाइच 2007 में केंद्रीय सहकारी बैंक पन्ना अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे लेकिन उनके खिलाफ शासकीय उचित मूल्य की दुकानों की शिकायतों के आधार पर 2009 में नोटिस देकर धारा 53 के तहत सात साल के लिए सहकारिता चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिया गया। इसके बाद से संजय नगाइच की कानूनी लड़ाई शुरू हुई थी। उन्होंने तत्कालीन सहकारिता मंत्री गौरीशंकर बिसेन, बृजेंद्र प्रताप सिंह सहित सहकारिता विभाग के अधिकारियों प्रदीप नीखरा, एसएन गुप्ता, अखिलेश निगम व सुरेंद्र पांडेय के खिलाफ पांच करोड़ रुपए का दावा अदालत में लगाया था।
पन्ना कोर्ट का आदेश
मामले की सुनवाई के बाद पन्ना जिला अदालत ने गौरीशंकर बिसेन व प्रदीप नीखरा को दोषी मानते हुए उन्हें संजय नगाइच को पांच लाख रुपए का मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। बिसेन और नीखरा को अदालत ने एक महीने के भीतर पांच लाख रुपए देने का आदेश दिया है। साथ यह भी आदेश दिया है कि अदालत के फैसले से प्रतिकर की राशि की अदायगी तक की अवधि में वे नगाइच को छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज का भी भुगतान करें।
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