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खुलेआम रिश्वतखोरी, वीडियो-ऑडियो बना तो छुट्टी पर गया अफसर, लोकायुक्त में FIR

मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार खुलकर सामने आने लगा है। भोपाल में ही नगर निगम के एक आला अधिकारी ने दस फीसदी कमीशन रिश्वत मांगी और 60 फीसदी हिस्सा नकद राशि लेने के बाद जब भंडा फूटने की स्थिति देखी तो छुट्टी पर चला गया। मगर रिश्वत देने वाले निगम के साथ काम करने वाले बिजनेसमैन ने वीडियो-ऑडियो बनाकर लोकायुक्त पुलिस को सौंप दिया और वहां रंगेहाथों रिश्वतखोर को पकड़ने की स्थिति बनते नहीं देखा तो एफआईआर दर्ज करना पड़ी। अब इसमें इनवेस्टिगेशन होगा।
भोपाल नगर निगम में पहली बार होमगार्ड के अधिकारी को प्रतिनियुक्ति पर अपर आयुक्त के रूप में पदस्थ किया गया है। कमलेंद्र सिंंह परिहार ने सायबर ट्रेनिंग देेने वाली संस्था के 13 लाख 32 हजार से ज्यादा के बिल में दस फीसदी कमीशन की मांग की थी। संस्था के संचालक सौरभ गुप्ता ने परिहार को 83 हजार रुपए दे भी दिए लेकिन पूरी राशि मिलने पर ही परिहार अड़े रहे। परेशान गुप्ता ने परिहार द्वारा दस फीसदी कमीशन की मांग किए जाने का वीडियो और ऑडियो रिकॉर्ड कर लिया।
अवकाश पर चले गए परिहार
दस फीसदी कमीशन की मांग का वीडियो-ऑडियो बन जाने के बाद अचानक ही परिहार अवकाश पर चले गए। इससे गुप्ता का बिल का भुगतान भी लटक गया। इस बीच सौरभ गुप्ता ने लोकायुक्त की विशेष स्थापना पुलिस में भोपाल एसपी मनु व्यास को शिकायत कर दी। उन्हें रिश्वतखोरी के वीडियो और ऑडियो रिकॉर्ड भी सौंप दिया लेकिन परिहार के नगर निगम से छुट्टी पर चलेे जाने से उसे रंगेहाथों गिरफ्तार करने का मौका नहीं बन पाया तो तुरत-फुरत एफआईआर दर्ज कर ली गई। भोपाल लोकायुक्त पुलिस के एसपी मनु व्यास ने बताया कि शिकायतकर्ता के पहले ही 83 हजार रुपए रिश्वत दे दिए जाने के कारण तथा वीडियो-ऑडियो साक्ष्य होने की वजह से एफआईआर दर्ज की गई है। अब इसकी विवेचना में दोनों साक्ष्यों की जांच कराई जाएगी।
विभाग को रिश्वतखोरी की सूचना भेजी
लोकायुक्त की विशेष स्थापना पुलिस ने कमलेंद्र सिंह परिहार के विभाग को रिश्वतखोरी व एफआईआर दर्ज होने की सूचना उनके मूल विभाग को भेज दी है। वहीं, उन्हें नगर निगम ने अधिकारविहीन भी कर दिया है।
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