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अविश्वास पर CM के जवाब में बिना सेनापति रही कांग्रेस, CM की भी जुबान फिसली, अध्यक्ष को संबोधन के बजाय कह गए भाईयों-बहनों

मध्य प्रदेश की पंद्रहवीं विधानसभा में शिवराज मंत्रिमंडल के खिलाफ कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाई और सवा बारह घंटे तक चली चर्चा के बाद आज ढाई घंटे से ज्यादा समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जवाब दिया। इसमें उन्होंने न केवल अविश्वास प्रस्ताव के आरोपों पर जवाब दिए बल्कि कमलनाथ सरकार के गिरने के पांच कारणों का खुलासा किया तो आदिवासियों लाए गए पेसा एक्ट के नियमों के बारे में विस्तार से बताया। हालांकि वे जवाब देते समय एक बार उनकी जुबान फिसल गई और उन्होंने जनसभा की भांति भाईयों और बहनों कहकर विधायकों को संबोधित भी कर दिया। अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद सीएम का जवाब सुनने के लिए सदन के भीतर कांग्रेस बिना सेनापति यानि नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बैठी रही।
कांग्रेस शिवराज सरकार के खिलाफ पंद्रहवीं विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाई थी जिस पर बुधवार को करीब बारह घंटे 18 मिनिट तक दोनों पक्षों की ओर से मंत्री व विधायकों ने चर्चा में हिस्सा लिया। आज मुख्यमंत्री चौहान ने करीब दो घंटे 34 मिनिट अविश्वास प्रस्ताव के आरोपों को लेकर कांग्रेस पर पलटवार किया। बुधवार को कांग्रेस विधायकों ने जहां सरकार को कोविड महामारी में खुद के महिमा मंडन के आरोप से लेकर कारम बांध फूटने पर घेरा, ईओडब्ल्यू की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए तो मंत्रियों व भाजपा विधायकों ने आरोपों के जवाब में कमलनाथ सरकार के कार्यकलापों को उजागर किया था।
कांग्रेस नेता विहीन होने से बिखरी दिखाई दी
विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव जैसे महत्वपूर्ण कार्यवाही के दौरान विपक्षी दल गुरुवार को नेता विहीन रहा क्योंकि नेता प्रतिपक्ष डॉ. सिंह अपनी मां के बीमार होने पर अचानक भोपाल से बाहर चले गए थे। पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ भी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और सीएम के जवाब के दौरान पूरे समय सदन से अनुपस्थित रहे। ऐसे में मुख्यमंत्री चौहान के जवाब के दौरान सदन के भीतर कांग्रेस विधायक बिखरे-बिखरे दिखाई दिए। इसको लेकर सत्ता पक्ष की ओर से कई बार तंज भी कसे गए। वरिष्ठ विधायक सज्जन सिंह वर्मा, लक्ष्मण सिंह, जीतू पटवारी ने अपने साथी विधायकों का नेतृत्व करने का प्रयास किया लेकिन सीएम के जवाब के दौरान बार-बार किसी न किसी के उठकर टोका-टाकी किए जाने से आसंदी से विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को एकबार सज्जन सिंह वर्मा को विधायकों को समझाइश देने की व्यवस्था भी दी गई।
सीएम की जुबानी फिसली तो …..
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब अविश्वास प्रस्ताव का सदन के भीतर जवाब दे रहे थे तो उनकी जुबान फिसल गई। जिस तरह वे जनसभा में भीड़ को भाईयों-बहनों का संबोधित करते हैं, उसी तरह सदन के भीतर भी यह कहा और दूसरे ही पल उन्होंने सुधार करते हुए माननीय अध्यक्ष महोदय कहकर उसे सुधार लिया।
पेसा एक्ट-मुख्यमंत्री बीमारी सहायता निधि पर टोका-टाकी
सीएम ने जवाब के दौरान मुख्यमंत्री बीमारी सहायता निधि से सभी की सहायता करने की बात कही तो विपक्ष ने फिर आरोप लगाया कि उनके साथ भेदभाव किया जाता है और उनके प्रकरण रिजेक्ट कर दिए जाते हैं। इसको लेकर काफी देर तक सत्ता पक्ष व विपक्ष के सदस्यों के बीच आरोप-प्रत्यारोप चले। इसी तरह पेसा एक्ट के नियमों को जब सीएम चौहान ने बताकर आदिवासी विधायकों को इसमें सहयोग की बात कही तो विपक्ष के सदस्यों ने इसमें कांग्रेस की राजीव गांधी सरकार व दिग्विजय सरकार के इस तरफ किए गए प्रयासों का जिक्र किया। आदिवासियों के मुद्दे पर भी भाजपा-कांग्रेस विधायकों के बीच काफी देर तक आरोप-प्रत्यारोप चले।
कमलनाथ सरकार पर हमले
चौहान ने अपने जवाब में कमलनाथ सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि 165 दिन में 450 आईएएस-आईपीएस के तबादले किए गए। भ्रष्टाचार को उन्होंने स्वीकारा लेकिन कहा कि कमलनाथ सरकार में तो कलेक्टर-एसपी की पोस्टिंग में रूपए लिए गए। दतिया जैसे जिले में कुछ दिनों के भीतर तीन कलेक्टर बदले गए। जो भी ज्यादा पैसा लेकर पहुंचा उसकी पोस्टिंग होती रही। लेन-देन के कई ऑडियो टैप हैं। इसी कारण जब छापा पड़ा तो बड़ी मात्रा में रूपया बरामद हुए। टेंडर के नियमों को बदलकर 877 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया तो भाजाप नेताओं विजय शाह, भूपेंद्र सिंह, विश्वास सारंग, संजय पाठक सहित कई भाजपा नेताओं के करीबी निर्दोषों पर कार्रवाई की गई। कांग्रेस नेताओं के सत्ता के अहंकार के कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी छोड़ना पड़ी। अगर भाजपा की सरकार गलत होती तो जनता उन्हीं विधायकों को दोबारा पहले से ज्यादा वोट से जिताकर नहीं भेजती।
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