मध्य प्रदेश की पंद्रहवीं विधानसभा के आखिरी शीतकालीन सत्र में कांग्रेस विधायक दल द्वारा दी गई अविश्वास प्रस्ताव की सूचना पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सर्वदलीय बैठक में भी इस मुद्दे पर फैसला नहीं हो सका जिससे पांच दिन के सत्र के तीन दिन में खत्म होने की संभावना है।
पंद्रहवीं विधानसभा का 19 दिसंबर से 23 दिसंबर तक आयोजित शीतकालीन सत्र में कांग्रेस विधायक दल ने पिछले दिनों शिवराज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की सूचना दी थी लेकिन पांच दिन के इस सत्र में इस अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की संभावना नजर नहीं आ रही है। हालांकि कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए 353 बिंदुओं का आरोप पत्र बनाया है जिसे नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने पूर्व विधायक पारस सकलेचा व अन्य सहयोगियों के साथ तैयार किया है। सत्र के पूर्व आज विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी जिसमें संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह भी शामिल हुए।
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का सवाल टाल गए संसदीय कार्य मंत्री
बैठक के बाद नरोत्तम मिश्रा ने पत्रकारों के सामने कहा कि सत्र में तय हुआ है कि ज्यादा से ज्यादा विषयों पर चर्चा हो। मगर वे अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर किए गए प्रश्न को टाल गए। मिश्रा की पत्रकारों से चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. सिंह भी मौजूद थे और जब अविश्वास प्रस्ताव को लेकर संसदीय कार्य मंत्री से सवाल हुआ तो वे वहां से चले गए।
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