मंत्रियों के आचरण पर उठते सवाल, कभी राज्यवर्धन तो कभी प्रद्युमन सिंह और कभी सिसौदिया घिरे

मध्य प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों का आचरण इन दिनों उनके पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है। इस मामले में कांग्रेस से भाजपा में पहुंचकर सरकार में मंत्री बने नेताओं का आचरण सबसे ज्यादा सवालों के घेरे में आया है। प्रद्युमन सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसौदिया, बिसाहूलाल सिंह, उषा ठाकुर जैसे मंत्रियों के नाम इसमें सबसे ज्यादा चर्चा में रहे हैं लेकिन हाल में राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव के खिलाफ जिस एक महिला का वीडियो वायरल हुआ है, वह सबसे ज्यादा खेदजनक है। अब देखना यह है कि चुनाव के पहले शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल के फेरबदल में ऐसे आचरण के नेताओं को साथ रखते हैं या छंटनी करते हैं।

राजनीति में इन दिनों गिरावट आती जा रही है और पद की गरिमा को ताक पर रखकर नेता आचरण कर रहे हैं। मौजूदा मंत्रिमंडल में मंत्रियों का आचरण कई बार सीमाओं को लांघता नजर आया है। राजनीति में सक्रिय दिखाई देने की होड़ में कुछ लोग जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं तो कुछ के चरित्र पर दाग लगाए जाने वाले बयान आ रहे हैं। मंत्रियों के आचरण को लेकर उठ रहे सवालों पर अभी तक नेतृत्व की तरफ से कोई रोक-टोक या गाइड लाइन के संकेत दिखाई नहीं दिए हैं जिससे आचरण में सकारात्मक सुधार की कोई संभावना बने। आपको बताते हैं कुछ ऐसे उदाहरण।

राजवर्धन सिंह दत्तीगांवः धार जिले से आते हैं और वे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक हैं। उनके खिलाफ हाल ही में एक युवती का वीडियो वायरल हुआ था। इस वायरल वीडियो में युवती ने जो आरोप लगाए थे, वे संगीन थे और उन कोई एक्शन हुआ नहीं। इस बीच युवती का अगले दिन दूसरा वीडियो आया जिसमें वह मंत्रीजी को क्लीनचिट देती सुनाई दी। संगीन आरोपों के बाद भी नेतृत्व की तरफ से मंत्रीजी से कोई सवाल तक नहीं किया गया।

महेंद्र सिंह सिसौदियाः ये गुना जिले से आते हैं और सिंधिया समर्थक हैं। इन्हें पार्टी के एक जिम्मेदार पदाधिकारी प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ही एक मंच से विभीषण संबोधित कर चुके हैं। इन मंत्रीजी की न तो मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस से पटरी बैठ रही थी और न ही इनके अपने विभाग के पूर्व उमाकांत उमराव से सामंजस्य बना। चीफ सेक्रेटरी के खिलाफ वे सार्वजनिक रूप से बयान दे चुके हैं।

प्रद्युमन सिंह तोमरः ग्वालियर से आते हैं और सिंधिया के कट्टर समर्थक हैं। उनकी कार्यप्रणाली ऐसी है कि पद की गरिमा को ठेस पहुंचती है। ग्वालियर में ये कभी भी झाडु़ लेकर सफाई करने लगते हैं तो नालों की गंदगी को निकालने खुद उतर जाते हैं।

बिसाहूलाल सिंहः ये अनुपपुर जिले से हैं और कमलनाथ सरकार को अल्पमत में लाने के लिए इन्होंने सिंधिया समर्थक विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़ी थी। इनके द्वारा राजपूत समाज की महिलाओं को लेकर ऐसी टिप्पणी की थी जिससे बवाल मच गया था। उन्होंनेे ठाकुर महिलाओं को घर से बाहर निकालकर काम कराने से समानता आने की बात कही थी।

उषा ठाकुरः ये इंदौर से आती हैं और भाजपा की वरिष्ठ महिला विधायक हैं। इनके द्वारा पिछले दिनों दुष्कर्म को लेकर ऐसा बयान दिया गया जो कानून से अपराधियों को सजा दिए जाने की मंशा के विपरीत था। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म के आरोपियों को चौराहे पर फांसी पर लटका देना चाहिए। उनके इस बयान पर राज्य मानव अधिकार आयोग ने भी संज्ञान लेकर उन्हें नोटिस जारी किया।

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